धन की देवी लक्ष्मी से भला होता तो...स्वामी प्रसाद मौर्य का बयान फिर चर्चाओं में

लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मंत्री और अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों में घिर गए हैं। इस बार उन्होंने दीपावली के अवसर पर एक ऐसा बयान दिया है, जिसने राजनीतिक और धार्मिक हलकों में हलचल मचा दी है। पूरे देश में 20 अक्टूबर को दिवाली का पर्व धूमधाम से मनाया गया, लोग पटाखे जला रहे थे और गणेश-लक्ष्मी की पूजा कर रहे थे। इसी बीच स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए लक्ष्मी पूजन पर सवाल खड़े कर दिए।
उन्होंने लिखा कि हर साल बाहर से बाजार से लाई जाने वाली लक्ष्मी आती हैं और चली जाती हैं, इसलिए हालात कभी नहीं सुधरते, क्योंकि बाहरवाली लक्ष्मी, बाहरवाली ही होती है। मौर्य ने आगे कहा कि अगर सच में धन की देवी लक्ष्मी से भला होता, तो देश के 80 करोड़ लोग महज 5-10 किलो राशन पर अपनी जिंदगी न गुजार रहे होते और करोड़ों नौजवान बेरोजगारी की मार न झेल रहे होते। उन्होंने भारत को दुनिया के गरीब देशों में शामिल बताते हुए कहा कि हमें घर की असली लक्ष्मी, यानी गृहणी को पहचानना और उसका सम्मान करना चाहिए।
स्वामी मौर्य की पोस्ट को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कई यूजर्स ने इसे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया और उन पर कार्रवाई की मांग की है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिवाली की दी बधाई-
हालांकि, स्वामी प्रसाद मौर्य ने दिवाली के मौके पर देशवासियों को बधाई भी दी। उन्होंने लिखा, दीपोत्सव महापर्व पर समस्त देशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं। आइए हम सब दीप जलाएं, लेकिन यह भी सुनिश्चित करें कि हमारे पड़ोसी के घर में भी उजाला हो। असली गृह लक्ष्मी वही है जो जीवनभर घर को सुंदर, सुसंस्कृत और एकता से भरा स्वर्ग बनाती है।”
उनके इस बयान ने एक बार फिर उन्हें राजनीतिक और सामाजिक चर्चाओं के केंद्र में ला दिया है।
No Previous Comments found.