सावन में क्यों लगाई जाती है मेहंदी? जानिए धार्मिक, सांस्कृतिक और वैज्ञानिक कारण

सावन का महीना भारतीय संस्कृति में विशेष महत्व रखता है, खासकर महिलाओं के लिए। यह सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आस्था, परंपरा और प्रकृति के संगम का प्रतीक है। इस दौरान जहां हरियाली चारों ओर छा जाती है, वहीं महिलाएं हरे वस्त्र, चूड़ियां और विशेष रूप से मेहंदी का प्रयोग करती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मेहंदी लगाना केवल फैशन नहीं, बल्कि इसके पीछे गहरी धार्मिक और वैज्ञानिक मान्यताएं जुड़ी हैं? आइए विस्तार से समझते हैं।
1. धार्मिक मान्यता: माता पार्वती से जुड़ा है मेहंदी का संबंध
सावन महीने में मेहंदी लगाने की परंपरा सीधे माता पार्वती से जुड़ी है। मान्यता है कि इसी महीने में माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्या की थी। इसलिए महिलाएं सावन में व्रत रखती हैं और मेहंदी लगाकर मां पार्वती को प्रसन्न करने का प्रयास करती हैं। कहा जाता है कि इससे उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है और मनचाहा जीवनसाथी मिलता है।
2. सुहाग और सोलह श्रृंगार का प्रतीक
भारतीय परंपरा में मेहंदी को सुहाग का प्रतीक माना गया है और इसे महिलाओं के सोलह श्रृंगार में शामिल किया गया है। सावन में मेहंदी लगाने से सौभाग्य की प्राप्ति होती है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बनी रहती है। यह विश्वास है कि मेहंदी जितनी गाढ़ी रचती है, उतना ही गहरा प्रेम जीवनसाथी से मिलता है।
3. हरे रंग का विशेष महत्व
सावन का महीना हरियाली का प्रतीक है और इस दौरान हरे रंग को विशेष रूप से शुभ माना जाता है। मेहंदी का रंग भी हरा होता है, जो प्रकृति और सकारात्मक ऊर्जा से जुड़ा होता है। साथ ही, हरा रंग भगवान शिव को भी प्रिय है, इसलिए महिलाएं हरे वस्त्रों और मेहंदी के माध्यम से भोलेनाथ की कृपा प्राप्त करने की कोशिश करती हैं।
4. वैज्ञानिक दृष्टिकोण: सेहत के लिए भी लाभकारी
सिर्फ धार्मिक ही नहीं, मेहंदी लगाने के वैज्ञानिक कारण भी हैं। बारिश के मौसम में संक्रमण, स्किन एलर्जी और गर्मी जैसी समस्याएं आम होती हैं। मेहंदी की तासीर ठंडी होती है, जिससे यह शरीर की गर्मी को संतुलित करती है और मानसिक शांति प्रदान करती है। इसके एंटीसेप्टिक गुण त्वचा को भी स्वस्थ रखते हैं।
निष्कर्ष
मेहंदी लगाना केवल सजने-संवरने का तरीका नहीं, बल्कि यह भारतीय संस्कृति, धार्मिक आस्था और स्वास्थ्य लाभ का संगम है। सावन के पावन महीने में मेहंदी लगाने से न केवल मां पार्वती और भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है, बल्कि यह मानसिक और शारीरिक रूप से भी लाभकारी होता है। इसलिए, जब भी आप सावन में मेहंदी लगाएं, तो इसके पीछे छिपे इन पवित्र भावों और मान्यताओं को जरूर याद रखें।
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