आंवला की खेती से किसानों को होगी बंपर कमाई, ऐसे करें रोपाई

आंवला (Indian Gooseberry) एक लाभकारी फल है, जिसे विटामिन C का खजाना कहा जाता है। इसके पौधे की खेती से न केवल अच्छा उत्पादन मिलता है, बल्कि यह किसानों के लिए एक अच्छा व्यापारिक विकल्प भी हो सकता है। अगर आप आंवले की खेती करना चाहते हैं, तो 9 बातों का ध्यान रखें:
1. भूमि और जलवायु का चयन-आंवला उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय जलवायु में अच्छी तरह से उगता है। यह पौधा हल्की क्षारीय से लेकर उबाऊ मिट्टी में भी उग सकता है। जल निकासी वाली, बलुई दोमट मिट्टी आंवला के लिए सबसे उपयुक्त होती है। इस पौधे के लिए 25-35°C तापमान सबसे अच्छा रहता है।
2. पौधों का चयन-आंवला के लिए स्वस्थ, रोगमुक्त और अच्छी किस्म के पौधों का चयन करें। बेहतर उत्पादन के लिए प्रसिद्ध किस्मों जैसे अनूप, कृष्णा, और नवनीत का चयन करें। पौधों को नर्सरी से खरीदें, और सुनिश्चित करें कि पौधे जड़ से मजबूत हों।
3. रोपण का सही समय-आंवला के पौधे को मानसून के मौसम में रोपण करना सबसे अच्छा होता है, यानी जून से अगस्त तक। खेत में रोपण से पहले मिट्टी की तैयारी करना जरूरी है।
4. खेत की तैयारी और गड्ढे की खुदाई-खेत की अच्छी तरह से जुताई करें और गड्ढे तैयार करें। गड्ढे का आकार लगभग 60x60x60 सेंटीमीटर होना चाहिए। प्रत्येक गड्ढे में अच्छी तरह से खाद डालें, जैसे कि गोबर की खाद या कम्पोस्ट।
5. रोपण की दूरी-आंवला के पौधों के बीच उचित दूरी बनाए रखना महत्वपूर्ण है। पौधों को 3x3 मीटर की दूरी पर रोपें। इससे पौधों को पर्याप्त हवा और सूरज की रोशनी मिल सकेगी।
आंवला की खेती से अच्छा उत्पादन प्राप्त करने के लिए इन सभी बातों का पालन करना जरूरी है। उचित देखभाल और प्रबंधन से आप आंवला की बंपर पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
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