जन-मुद्दों से हटती राजनीती

भारत एक मजबूत लोकतांत्रिक व्यवस्था वाला देश है और सम्पूर्ण विश्व में भारत की इस आलोकिकता की चर्चा है जिसका श्रेय लेने के लिए विभिन्न राजनैतिक दल अपना अपना उल्लू सीधा करते रहते हैं | भारत में आज़ादी के बाद से 2 तरह की भावनाओं का उदगम हुआ एक है देश प्रेम की भावना और एक है आपदाओं को अवसर में बदलने की भावना |
जो देश प्रेमी थे उन्होंने सरकारी नौकरी और अपने-अपने रोज़गार को चुना और जो आपदाओं में अवसर तराशना चाहते थे उन्होंने देश प्रेम के नाम पर नेता बनना चुना |
आज सम्पूर्ण देश में लोगों के पास बेहतर रोज़गार हो या न हो पर हर गली में 2 युवा नेता जरुर मिलेंगे यह इस बात का संकेत है की देश किस ओर बढ़ रहा है और आज के दौर में जहां नौकरी और जीवन ज्ञापन एक जिंदगी होनी चाहिए थी वहीं राजनीती इंसान के अन्दर इस कदर असर कर गयी है की हर एक जगह लोग केवल राजनीती की ही बात करते हैं |
आप किसी भी दुकान या मकान में चले जाएं हर तरफ आपको राजनैतिक बातों की खस्ता आलू परोस दी जाएगी |
भारत में इनदिनों राजनीती में केवल 3 शब्द आम हैं
1-जाति - धर्म और रंग
2-आतंकवाद - धर्म और कर्म
3-भ्रष्टाचार
इसके विपरीत थोडा सा जो है वो है लोगों पर पड़ती टैक्स की मार और युवा बेरोजगार | एक समय था जब नरेन्द्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री हुआ करते थे और वालमार्ट जैसी संस्थान का विरोध करते थे और वही मोदी जी जब प्रधानमंत्री हैं तब फ्लिप्कार्ट, अमेज़न,म्यन्त्रा आदि जैसी कंपनियों पर कुछ नहीं कहते ये बात की ज़िक्र इसलिए है क्योंकि आज व्यापारियों में इस बात को लेकर बहुत आक्रोश भी है की जब ग्राहक घर बैठे बैठे सब खरीद लेगा तब दुकानों पर कौन आएगा ? यह केवल सवाल नहीं यह जवाब भी है पूरे देश वासियों को कि देश भक्ति की भावना का चुनिन्दा मुद्दों पर अपने अन्दर स्रजन कर लेते हैं परन्तु असल मुद्दों पर वही देश भक्ति आराम ढूँढती है संघर्ष नहीं |
आज़ादी के दौर में राजनीती होती थी मोहबत्त, एकता और सबके विकास की कहानी और अब राजनीती होती है आरोप और प्रत्यारोपों की मेहरबानी |
आज जहां लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा और रोज़गार मुहिया करवाना बहुत आवश्यक होना चाहिए परन्तु देखने को मिलता है की देश में मंदिर का निर्माण होना, मस्जिदों में बैठकें होना, पकिस्तान को गाली देना और अपनी नाकामी को छुपाना जैसे मुद्दे ही प्रबल हैं और राजनीती जन मुद्दों से इतर नज़र आती है |
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