चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम करने के बजाय...सपा प्रमुख ने लगाए आरोप.

समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग निष्पक्ष तरीके से काम करने के बजाय भाजपा के इशारे पर फैसले ले रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। अखिलेश यादव ने बिहार की विपक्षी पार्टियों की उस आशंका को सही ठहराया, जिसमें कहा गया है कि वोटर लिस्ट में भेदभाव किया जा सकता है।

सपा मुखिया ने सवाल उठाया कि आठ करोड़ वोटरों की लिस्ट केवल 20 से 25 दिन में कैसे तैयार की जा रही है? यह प्रक्रिया छह महीने पहले क्यों नहीं शुरू की गई? उन्होंने इसे भाजपा की सोची-समझी रणनीति बताया और कहा कि चुनाव आयोग की यह जल्दबाजी और पक्षपातपूर्ण रवैया चुनावी निष्पक्षता पर गंभीर सवाल खड़े करता है, जिससे जनता का भरोसा कमजोर हो सकता है।

यूपी बीजेपी अध्यक्ष की नियुक्ति पर भी साधा निशाना-

सपा प्रमुख ने उत्तर प्रदेश भाजपा संगठन में बदलाव पर भी तंज कसा और कहा कि संगठन बदलने से जनता की नाराजगी खत्म नहीं होगी। उन्होंने कहा कि PDA (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की धमक से ही भाजपा में चिंता का माहौल है। इसी कारण पार्टी तय नहीं कर पा रही है कि उत्तर प्रदेश का नया अध्यक्ष कौन बनेगा। अखिलेश यादव ने कहा कि भाजपा के लोग सीसीटीवी से घबराते हैं, क्योंकि हर बार उनकी चोरी पकड़ी जाती है। यह बयान सीधे तौर पर भाजपा की पारदर्शिता और कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है।

मेडिकल कॉलेजों और इंफ्रास्ट्रक्चर पर उठाए सवाल-

अखिलेश यादव ने यूपी में मेडिकल कॉलेजों की स्थिति पर सवाल उठाते हुए कहा कि जितने भी मेडिकल कॉलेज हैं, किसी में भी मानक के अनुसार प्रोफेसर और टेक्नीशियन मौजूद नहीं हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार में स्वास्थ्य क्षेत्र की भारी उपेक्षा हुई है।

इंफ्रास्ट्रक्चर पर बात करते हुए उन्होंने अवध शिल्पग्राम की ओर इशारा कर कहा कि समाजवादियों ने यह बनाया, जहां हम खड़े हैं। जो ऊंची इमारत दिख रही है, वह नेताजी और समाजवादी सरकार की देन है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में इतना भ्रष्टाचार हुआ है कि हर चीज महंगी हो गई है, जबकि इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर होना चाहिए था।

पंखुड़ी त्रिपाठी की पढ़ाई को लेकर सपा मुखिया ने यूपी सरकार पर लगाया आरोप-

यूपी के गोरखपुर में आर्थिक रूप से कमजोर पंखुड़ी त्रिपाठी की पढ़ाई को लेकर राजनीति गरमा गई है। दरअसल, पंखुड़ी ने फीस माफी को लेकर बीते दिनों सीएम योगी से गुहार लगाई थी। मुख्यमंत्री के आश्वासन के बाद भी फीस माफ नहीं हुई थी। इस पर सपा मुखिया अखिलेश यादव ने योगी सरकार पर ना सिर्फ तंज कसा बल्कि पंखुड़ी की पढ़ाई के लिए मदद करने का वादा भी किया था। लेकिन पंखुरी से अखिलेश यादव से मदद लेने से इनकार कर दिया है। इसके बाद मामला और गरमा गया है। हालांकि सीएम योगी के आदेश के बाद पंखुड़ी त्रिपाठी का एडमिशन हो गया है। अखिलेश यादव ने कहा कि बच्ची के परिवार के चेहरों पर सत्ता का डर साफ दिखाई दे रहा है।

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