मुख्यमंत्री मोहन यादव का एक्शन मोड सही या गलत ?

मध्यप्रदेश की कमान ही नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री मोहन यादव एक्शन मोड में नजर आ रहे हैं।मुख्यमंत्री बनते ही मोहन ने जिस तरह से निर्देश देते हुए तुरंत प्रभाव से खुले मे बिक रहे मीट, मछली ,अंडा पर प्रतिबन्ध लगा दिया .इससे एक तरफ लोगो खुश है दूसरी तरफ काफी लोग नाराज भी है .इसके पीछे कुछ कारण है जिस वजह से लोगों में मुख्यमंत्री मोहन यादव के प्रति नाराजगी उत्पन्न हो रही है .


मीट पर प्रतिबन्ध लगाना सही या गलत ?
अगर गहराई से देखा जाये तो इस नियम के अगर फायदे हैं तो नुकशान भी है .क्योंकि हर सिक्के दो पहलु होते है ,इस लिए ऐसे नियम लागू करने से पहले किसी भी सरकार को फायदा और नुकशान का आकलन जरूर करना चाहिए .और नुकशान को कम करने के लिए उचित कदम  उठाने चाहिए .जिससे की किसी को भी किसी तरह की समस्या का सामना करना नही पड़े .इसलिए मोहन सरकार को ऐसा नियम लागू करने से पहले मीट की बिक्री करने के लिए एक ऐसी जगह का प्रबंध करना चाहिए था जहाँ पर सभी लोग सिर्फ मीट ,मछली अंडा आदि ही बेचा जाये ,ऐसा करने उन लोगों को किसी भी तरह की समस्या का सामना नहीं करना पड़ता.और नहीं मुख्यमंत्री को किसी भी तरह की अलोंचना का सामना करना पड़ता .लेकिन जिस तरह से बिना किसी चेतावनी के तुरंत प्रभाव से कारवाही की गई है वो कहीं न कहीं मुख्यमंत्री के उतावले पण और लोगो का अपनी तरफ ध्यान खीचने को दर्शा रही है .

धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर हटाना किस हद तक सही है 
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा धार्मिक स्थलों से लाउडस्पीकर को हटवाना एक सही कदम है क्योंकि लाउडस्पीकर की आवाज जहाँ एक तरफ धवनी प्रदूषण होता है तो वही छात्रों को पढाई करने भी बाधा का सामना करना पड़ता है इसलिए लाउडस्पीकर सिर्फ किसी एक धर्म के लोगों के धार्मिक स्थल से हटवाने के बजाय सभी धम्रिक स्थल से हटवाना ज्यादा सही है क्योंकि इस तरह से किसी भी धर्म के लोग को ये नहीं लगेगा की उनको नुशाना बनाया जा रहा है और न ही किसी की धार्मिक भावना आहात होगी .

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