कैदियों की कलाइयों पर बंधी राखियों ने दिलों को छुआ

इटावा : रक्षाबंधन के पावन पर्व पर जिला कारागार में एक भावुक दृश्य देखने को मिला, जब बहनें अपने कैदी भाईयों को राखी बांधने पहुंचीं। कैदियों की कलाइयों पर जैसे ही रंग-बिरंगी राखियां बंधीं, वातावरण भाई-बहन के पवित्र रिश्ते की भावना से भर उठा।कारागार प्रशासन के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में बहनें सुबह से ही सजावटी थालियों में राखी, रोली और मिठाइयाँ लेकर जेल परिसर पहुँचीं। सुरक्षा जांच के बाद उन्हें कैदियों से मिलने की अनुमति दी गई। बहनों ने पारंपरिक तरीके से तिलक कर, आरती उतारी और राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र और सुधार की कामना की। कलाई पर राखी देखकर कई कैदी भावुक हो उठे। कुछ ने नम आँखों से बताया कि वर्षों बाद उन्हें रक्षाबंधन का यह सजीव अनुभव हुआ है। “हमने सोचा नहीं था कि जेल की दीवारों के बीच हमें रक्षाबंधन के पर्व को मनाने का मौका मिलेगा ।
जेल अधीक्षक राजीव शुक्ला ने बताया कि ऐसे कार्यक्रम कैदियों के मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर डालते हैं और उनमें समाज में पुनः लौटने की इच्छा को प्रबल करते हैं। उन्होंने कहा, “राखी का यह धागा सिर्फ रक्षा का वचन ही नहीं, बल्कि सुधरने और समाज से जुड़ने का प्रेरणास्रोत भी है।”
कार्यक्रम के अंत में सभी कैदियों को मिठाइयाँ वितरित की गईं। बहनों के इस स्नेह ने जेल की ऊँची दीवारों के बीच भी अपनत्व की किरण फैला दी।
रिपोर्टर : देवेन्द्र सिंह
No Previous Comments found.