कटहल उगाने की पूरी जानकारी और उत्पादन विधियाँ
कटहल (Jackfruit) भारत के प्रमुख फल वृक्षों में से एक है। यह उष्णकटिबंधीय फल है, जो स्वाद, पौष्टिकता और औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। कटहल का उपयोग कच्चा और पका दोनों रूप में किया जाता है। इसके उत्पादन में सही कृषि तकनीक अपनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है।
1. जलवायु और मिट्टी की आवश्यकता
जलवायु: कटहल उष्णकटिबंधीय और उप-उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में अच्छी तरह उगता है। यह गर्म, नम और आर्द्र जलवायु पसंद करता है।
मिट्टी: हल्की दोमट (loamy) या बालू-चुना वाली मिट्टी जिसमें जैविक पदार्थ अधिक हों, कटहल के लिए उपयुक्त है। मिट्टी का pH 6.0–7.5 सबसे अच्छा माना जाता है।
2. बीज या प्रत्यारोपण (Propagation)
बीज से: कटहल का बीज सीधे जमीन में बोया जा सकता है, लेकिन फल आने में 3–8 साल लग सकते हैं।
कलम/प्रत्यारोपण से: तना या हरी कलम (grafting) विधि द्वारा फल जल्दी आता है और उत्पादन स्थिर रहता है।
स्थान चयन: पर्याप्त धूप और जल निकासी वाली भूमि पर पौध रोपण करें।
3. रोपाई तकनीक
पौधों के बीच अंतर: 8–10 मीटर
पंक्ति और पंक्ति के बीच: 8–10 मीटर
गड्ढे की तैयारी: 1 × 1 × 1 मीटर, गड्ढे में 10–15 किलो गोबर खाद और मिट्टी मिलाएँ।
4. सिंचाई
कटहल को पर्याप्त पानी की आवश्यकता होती है, खासकर गर्मियों में।
सूखी मिट्टी में पौधे का विकास धीमा पड़ जाता है।
बारिश के समय अतिरिक्त पानी की आवश्यकता नहीं।
5. खाद और उर्वरक
सामान्य पोषण: हर साल NPK (नाइट्रोजन-फॉस्फोरस-पोटैश) संतुलित उर्वरक।
नाइट्रोजन: बढ़ती पत्तियों और तनों के लिए आवश्यक।
फॉस्फोरस और पोटैशियम: फूल और फल विकास में मदद करता है।
जैविक खाद: गोबर, कंपोस्ट या हरी खाद का उपयोग करें।
6. छंटाई और देखभाल
पौधे की अच्छी संरचना बनाने के लिए मुख्य शाखाओं की छंटाई करें।
मृत या रोगग्रस्त शाखाओं को समय पर काटें।
छायादार भागों को हवादार बनाने के लिए भी छंटाई जरूरी है।
7. रोग और कीट प्रबंधन
रोग: कटहल में मुख्य रोग पत्ती झुलसना (Leaf spot) और फफूंदी (Powdery mildew) हैं।
कीट: कटहल कीड़े जैसे कटहल कीड़े, फल कीड़े आदि।
उपाय: जैविक या रासायनिक नियंत्रक का समय पर छिड़काव।
8. फल का उत्पादन
कटहल के पेड़ आमतौर पर रोपण के 3–5 वर्ष बाद फल देने लगते हैं।
प्रति पेड़ औसत 200–300 फल प्रति वर्ष मिल सकते हैं।
फल का आकार 10–25 किलो तक हो सकता है।
9. कटहल की कटाई और भंडारण
फल को पूरी तरह पकने से पहले हरा या आंशिक पका हुआ तोड़ा जाता है।
कटहल जल्दी खराब हो सकता है, इसलिए कटाई के बाद जल्दी उपभोग या प्रोसेसिंग करें।
फलों को धूप और आर्द्रता से दूर रखें।
10. आर्थिक महत्व
कटहल के फल का उपयोग सब्जी, मिठाई, अचार, चिप्स आदि में किया जाता है।
बीज और पेड़ की लकड़ी भी व्यावसायिक रूप से उपयोगी हैं।
कटहल की खेती सही तकनीकी अपनाने पर लाभदायक है। जलवायु, मिट्टी, उचित उर्वरक, सिंचाई, रोग नियंत्रण और छंटाई पर ध्यान देने से उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
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