शिक्षा मंत्री को घूस देने की कोशिश, सरकारी टीचर निलंबित, दिलावर बोले-डेढ़ साल पहले ऐसी ही परंपरा देखी होगी

जयपुर : राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर को सोमवार सुबह जनसुनवाई के दौरान रिश्वत देने की कोशिश का सनसनीखेज मामला सामने आया है. मंत्री को विभाग के ही एक शिक्षक ने 5000 रुपए की राशि और मिठाई का डिब्बा देकर आरएससीईआरटी उदयपुर की ओर से निर्मित पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति में लेखक के रूप में शामिल करने का प्रार्थना पत्र सौंपा. इसे पकड़ कर विभागीय कार्रवाई करते हुए निलंबित किया गया और फिर पुलिस प्रशासन को सौंप दिया गया। मामले में शिक्षा मंत्री ने इसे डेढ़ साल पहले चल रही परंपरा का नाम देते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर भी चुटकी ली। मामला सोमवार सुबह का है, जब शिक्षा मंत्री अपने आवास पर जनसुनवाई कर रहे थे. इस दौरान बांसवाड़ा जिला के बुढ़ा ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव ने मंत्री को एक प्रार्थना पत्र सौंपा. ईटीवी भारत से खास बातचीत में मंत्री मदन दिलावर ने बताया कि वो तीसरी बार मंत्री बने हैं और राजनीति में 36 साल हो चुके हैं. ये उनके जीवन का पहला मामला है, जब किसी ने उनको रिश्वत देने की कोशिश की। जनसुनवाई के दौरान आया आरोपी शिक्षक : उन्होंने बताया कि सुबह जब जनसुनवाई कर रहे थे तब अन्य लोगों के साथ एक व्यक्ति भी जनसुनवाई में आया, जो फाइल लेकर आया था और एक आवेदन, लिफाफा, मिठाई का डब्बा था. उसने मिठाई के डब्बा और लिफाफा टेबल पर रख दिया और आरएससीईआरटी उदयपुर की ओर से निर्मित पाठ्यपुस्तक निर्माण समिति में लेखक के रूप में शामिल करने की डिमांड की. इस पर उन्होंने सामान्य प्रक्रिया के तहत प्रार्थी से पत्र ले लिया, क्योंकि उन्हें रामगढ़ बांध पर चल रहे वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान कार्यक्रम में जाना था। लिफाफे में थे रुपए : जैसे ही वो बाहर निकले तो उनके फोटोग्राफर ने बताया कि उनकी टेबल पर जो लिफाफा पड़ा है, उसमें रुपए हैं. इसमें देखा तो 5000 रुपए थे. तब तक आरोपी चंद्रकांत भी वही था, उससे इस बारे में बुला कर पूछा कि ऐसा क्यों किया? इस पर उसने अपनी गलती मानते हुए क्षमा भी मांगी, लेकिन उन्होंने तुरंत पुलिस को फोन किया. पुलिस ने आकर रिश्वत देने वाले आरोपी को कस्टडी में ले लिया। प्रदेश के शिक्षकों ने डेढ़ साल पहले देखी होगी ऐसी परंपरा : उन्होंने बताया कि आरोपी बांसवाड़ा जिला स्थित बुढ़ा ब्लॉक स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में पदस्थापित शिक्षक चंद्रकांत वैष्णव है. उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर चुटकी लेते हुए कहा कि डेढ़ साल पहले प्रदेश के शिक्षकों ने ऐसी परंपरा देखी होगी. वो देखने के बाद उसे लगा होगा कि पहले की तरह काम हो जाएगा, लेकिन उन्हें पता नहीं है कि यहां भारतीय जनता पार्टी की सरकार है जो भ्रष्टाचार को जड़मूल से नष्ट करना चाहते हैं. उस शिक्षक ने सभी को एक जैसा समझा, इसलिए उनके सामने भी शिक्षक ने रिश्वत की पेशकश की। आरोपी ने खुद को बताया संघ का स्वयंसेवक : इस लेटर में आरोपी शिक्षक ने खुद को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक भी बताया. इस पर मंत्री मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि कोई भी उन्हें रिझाने के लिए ये कह सकता है कि वो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का स्वयंसेवक है, क्योकिं वो खुद एबीवीपी के कार्यकर्ता रहे हैं. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक रहे हैं. शायद उसे लगा होगा कि इससे मंत्री प्रभावित होंगे, इसलिए उसने लिखा होगा. अब वो स्वयंसेवक है या नहीं ये तो भगवान जानते हैं, लेकिन उन्हें नहीं लगता कि आरएसएस या एबीवीपी का कार्यकर्ता इस तरह का काम करते हैं. ये बिल्कुल झूठ है और पुलिस ने जिस तरह से उसे अपनी कस्टडी में लिया है, वही पूरी जांच करेंगे. बहरहाल, इस तरह का मामला सामने आने के बाद चर्चा का बाजार भी तेज हो चला है. लोग विभाग में ट्रांसफर के दौरान आने वाली विसंगतियों के किस्से भी एक दूसरे के साथ साझा करते हुए, अब स्थाई ट्रांसफर पॉलिसी की मांग कर रहे हैं।
संवाददाता : सुरेश कुमार पटेरिया
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