रायसर प्लाजा पार्किंग ठेकेदार ने उड़ाई हेरिटेज निगम आदेशों की धज्जियां।

जयपुर - नदबई संवाददाता रायसर प्लाजा अपना मोबाइल ठीक करवाने पहुंचा तो नगर निगम जयपुर हेरीटेज की पार्किंग पर हुआ बड़ा खुलासा। संवाददाता ने बताया कि रायसर प्लाजा के बाहर नगर निगम जयपुर हेरीटेज ने सिंगल लाइन में दोपहिया वाहन पार्किंग का ठेका 1 जुलाई 2025 से ठेके पर ई नीलामी द्वारा किसी फर्म को दिया है लेकिन पार्किंग ठेकेदार के द्वारा ठेका शुरू करते ही सिंगल लाइन की जगह डबल लाइन में वाहन पार्क करवाये जा रहे हैं । इतना ही नहीं नगर निगम हेरिटेज द्वारा  निर्धारित शुल्क 10 रुपए तीन घंटे के है तथा 3 घंटे के बाद 12 घंटे तक 15 रुपए हैं ठेकेदार ने पार्किंग पर्ची पर कहीं पर भी 10 रुपए नहीं लिखवा रखे हैं केवल 15  रुपए प्रति विजिट लिखवा रखा है जिसके चलते ठेकेदार  शुरू में ही वसूल रहा है 15 रुपए  । ठेकेदार के कर्मचारी पार्किंग पर्चियों पर समय एवं दिनांक भी नहीं लिख रहे हैं जिससे  हो रही है खुलेआम लूट  । और खास बात  यह कि एक दिन पहले किशनपोल जोन नगर निगम को अवैध वसूली की शिकायत प्राप्त हुई तो राजस्व अधिकारी प्रशांत कुमार ने तत्परता दिखाते हुए जोन के कर्मचारियों के द्वारा तुरंत जांच करवाई तो ठेकेदार के कर्मचारी पार्किंग स्थल पर 10  रुपए की जगह₹15 वसूल रहे थे अधिकारियों ने अवैध वसूली वाली पर्चियां जप्त कर ठेकेदार को चेतावनी दी  कि भविष्य में अवैध वसूली की गई तो ठेका निरस्त करने की कार्रवाई की जावेगी । खास बात यह की  किशनपोल जोन द्वारा जांच करने के बाद एवं पर्चियां जप्त करने के बाद ठेकेदार के हौसले और बुलंद हो गए और 15 रुपए की जगह ठेकेदार ने 20 रुपए वाली पर्चियां अवैध वसूली के लिए छपाई और अगले दिन से 10  रुपए पार्किंग शुल्क की जगह 20 रुपए अवैध वसूली करने लग गया जिसकी सूचना स्थानीय पार्षद अरविंद मेठी को मिली तो तो तुरंत रायसर प्लाजा पार्किंग पर पहुंचे और देखा की जहां पर नगर निगम की पार्किंग शुल्क 10 रुपए है वहां पर ठेकेदार के कर्मचारी प्रत्येक गाड़ी से  20 रुपए की अवैध वसूली कर रहे थे तथा नगर निगम को बदनाम कर रहे थे स्थानीय पार्षद ने रायसर प्लाजा पर हो रही अवैध वसूली का अपने फेसबुक अकाउंट पर लाइव भी चलाया साथ ही राजस्व शाखा के अधिकारियों को इसकी सूचना भी दी इसके बावजूद नगर निगम हेरिटेज की राजस्व शाखा का कोई भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। स्थानीय पार्षद ने बताया कि पार्किंग का संचालन शुरू कर दिया लेकिन पार्किंग स्थल पर रेट लिस्ट का बोर्ड तक नहीं लगाया जिसके चलते राजधानी की भोली भाली गरीब जनता लूट का शिकार हो रही हैं। पार्किंग का ठेका उपायुक्त राजस्व प्रथम के कार्यालय से होता है देखना होगा की नगर निगम राजस्व शाखा अवैध वसूली को कब तक रोक पाती है और ठेकेदार पर  कोई ठोस कार्रवाई करती है या केवल जुर्माना लगाकर खाना पूर्ति करती है। जल्द ही होगा पूरे मामले का सबूतों के साथ आगे खुलासा।

रिपोर्टर - अमित चौधरी

 

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