भाई की हत्या के अपराध में सुरजन राम को उम्रकैद, कुनकुरी न्यायालय का फैसला

जशपुर  : जिले के डोभ गांव में एक पारिवारिक जमीन विवाद ने ऐसा भयावह रूप ले लिया, जिसने रिश्तों के मायने ही बदल दिए। 45 वर्षीय सुरजन राम ने अपने ही बड़े भाई समरू राम की कुल्हाड़ी (टांगी) से निर्मम हत्या कर दी। इस दर्दनाक घटना के बाद द्वितीय अपर सत्र न्यायाधीश, कुनकुरी (बलराम कुमार देवांगन) की अदालत ने आरोपी सुरजन राम को भारतीय दंड संहिता की धारा 302 के तहत दोषी पाते हुए आजीवन कारावास और ₹1000 अर्थदंड की सजा सुनाई। घटना 17 सितंबर 2022 की रात करीब 9 बजे की है, जब आरोपी और मृतक दोनों ने शराब का सेवन कर घर लौटने के बाद घर के बाहर ज़मीन को लेकर विवाद करना शुरू कर दिया। मृतक की बेटी सबरी बाई ने अदालत में बताया कि शोर सुनकर जब वह बाहर आई, तो देखा कि उसके पिता और चाचा आपस में झगड़ रहे थे। कुछ ही देर में सुरजन राम अपने घर गया और लोहे की टांगी लेकर आकर समरू राम के सिर और चेहरे पर ताबड़तोड़ वार करने लगा। लहूलुहान समरू वहीं गिर पड़ा। सबरी ने उसे उठाकर खाट पर लिटाया, लेकिन रात दो बजे तक उसकी मृत्यु हो गई।

अदालत में मामले की सुनवाई के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से श्रीमती पुष्पा सिंह, अपर लोक अभियोजक ने साक्ष्य और गवाहों के आधार पर यह साबित किया कि हत्या पूर्वनियोजित थी और सुरजन राम की मंशा जान से मारने की थी। वहीं बचाव पक्ष के अधिवक्ता श्री एस अहमद ने इसे पहला अपराध बताते हुए नरमी की अपील की। लेकिन अदालत ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए कहा कि ऐसे अपराध समाज के लिए खतरा हैं और क्षमा योग्य नहीं हो सकते।

सजा के अंतर्गत सुरजन राम को आजीवन कारावास और ₹1000 के अर्थदंड, अर्थदंड न चुकाने की स्थिति में छह माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास सुनाया गया है। अभियुक्त 24 नवंबर 2022 से अब तक न्यायिक हिरासत में था, जिसे सजा में समायोजित किया जाएगा।

रिपोर्टर : दीपक वर्मा 

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