धान खरीदी में करोड़ों की अनियमितता का आरोप

कुनकुरी : कुनकुरी में कांग्रेस की सह प्रभारी जरिता लैफतलांग, जिला प्रभारी भानू प्रताप एवं नगर पंचायत अध्यक्ष विनयशील ने करोड़ो की धान घोटाले पर किया प्रेस कॉन्फ्रेंस धान खरीदी में करोड़ों की अनियमितता का आरोप — 
फरसाबहार ब्लॉक के कई उपार्जन केंद्रों में करोड़ों राशि गबन की शिकायत, कलेक्टर से जांच की मांग आईए जानते हैं आखि़र क्या है पूरा मामला- कुनकुरी- जशपुर जिले के फरसाबहार विकासखंड अंतर्गत आने वाले कई धान उपार्जन केंद्रों में भारी अनियमितता और करोड़ों रुपए के गबन का मामला सामने आया है। इस संबंध में ग्राम पण्डरीपानी निवासी विनय चौहान ने जिला कलेक्टर जशपुर को एक विस्तृत आवेदन देकर जांच टीम गठित कर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
 
आवेदन के अनुसार वर्ष 2024-25 के दौरान फरसाबहार क्षेत्र के गंझियाडीह, कोनपारा, तपकरा, समङमा सहित कई धान उपार्जन केंद्रों में 149 करोड़ 01 लाख 84 हजार 57 रुपए की अनियमितता पाई गई है।
 
अनियमितता का आरोप — फड़ में धान गायब, फिर भी डी.ओ. जारी
 
विनय चौहान ने कलेक्टर को भेजे आवेदन में बताया है कि
17 जुलाई 2025 तक के आंकड़ों के अनुसार,
पांचों उपार्जन केंद्रों के फड़ों में धान का स्टॉक शून्य था। इसके बावजूद 15 जुलाई 2025 को जारी मिलरों के डी.ओ. (डिलिवरी ऑर्डर) को रद्द कर दिया गया और बाद में बिना भौतिक सत्यापन किए नए डी.ओ. जारी कर दिए गए।
आवेदन में कहा गया है कि यह पूरा मामला फड़ प्रभारियों और मिलरों की मिलीभगत का परिणाम है, जिससे करोड़ों रुपए के गबन की संभावना है।
 
मुख्य बिंदु जो शिकायत में उठाए गए:
 
1. सात माह तक भौतिक सत्यापन नहीं हुआ, जबकि फड़ों में धान न होने की जानकारी पहले से थी।
2. नया डी.ओ. उन्हीं मिलरों को दिया गया जो फड़ प्रभारियों के “मनपसंद” बताए जा रहे हैं।
3. डोंगादरहा पंचायत के किसानों से धान उधार लेकर लैलूंगा के मिलरों को भेजा गया ताकि बचत स्टॉक को कागजों में दिखाया जा सके।
4. फड़ प्रभारी कमल यादव पर आरोप है कि उन्होंने किसानों से उधारी में धान लेकर यह वादा किया है कि अगले खरीदी सीजन (2025-26) में उसे किसानों के खातों में भुगतान कराया जाएगा — जिसे शिकायतकर्ता ने “सीधा अपराध” बताया है।
 
किसानों से उधारी लिए गए धान की जानकारी:
 
किसान का नाम धान की मात्रा (लगभग बोरी में)
 
राजेश - 134,
गुलशन - 70, रिंकू - 70, 
गौतम - 70, 
मनबहाल - 75, 
वोलो - 150,
भोण्डा - 80,
जोन साय - 80,,,
 
शिकायत में कहा गया है कि यह कार्य नियमों के विपरीत है और इससे किसानों को भविष्य में नुकसान हो सकता है।
 
आरोप — अधिकारी दबाव में, कार्रवाई से बच रहे
 
विनय चौहान ने आवेदन में कहा है कि “इतनी बड़ी अनियमितता माननीय मुख्यमंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हो रही है और अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं।”
आवेदन में यह भी उल्लेख है कि गंझियाडीह फड़ प्रभारी कमल यादव खुद को मुख्यमंत्री का करीबी कार्यकर्ता बताता है, जिससे अधिकारी जांच में ढिलाई बरत रहे हैं।
 
पत्राचार और साक्ष्य
 
आवेदक ने अपने आवेदन के साथ दो प्रमुख दस्तावेज़ संलग्न किए हैं —
 
1. नवभारत समाचार पत्र में प्रकाशित 13 सितंबर 2025 की खबर, जिसमें यह खुलासा किया गया था कि मण्डी में धान नहीं है।
2. डी.एम.ओ. (जिला विपणन अधिकारी) द्वारा जारी पत्र क्रमांक 506/2024-25, जिसमें स्पष्ट रूप से उल्लेख है कि जिले की 14 समितियों में 7.52 लाख क्विंटल धान का निराकरण नहीं हुआ है।
 
इसके बावजूद, इन समितियों में भौतिक सत्यापन नहीं किया गया।
 
मुख्य सवाल — जब मण्डी में धान नहीं, तो डी.ओ. क्यों जारी हुआ?
 
शिकायत में कहा गया है कि जब मण्डी के फड़ में धान मौजूद ही नहीं था, तो अधिकारियों ने डी.ओ. जारी करने का आधार क्या बनाया?
 
इसी बिंदु को लेकर आवेदन में जिला प्रशासन की पारदर्शिता और जिम्मेदारी पर गंभीर सवाल उठाए गए हैं।
 
आवेदक की मांगें:
 
1. सभी उपार्जन केंद्रों का भौतिक सत्यापन कलेक्टर की उपस्थिति में किया जाए।
2. जांच के दौरान मिलरों और फड़ प्रभारियों द्वारा धान उठाव तुरंत रोका जाए।
3. दोषी अधिकारियों, कर्मचारियों और मिलरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर कार्रवाई की जाए।
4. पूरे मामले की जांच 7 दिनों के भीतर पूरी की जाए और रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए।
 
प्रतियां भेजी गईं इन वरिष्ठ नेताओं को:
 
माननीय मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ शासन रायपुर
 
श्री भूपेश बघेल, पूर्व मुख्यमंत्री
 
श्री चरणदास महंत, नेता प्रतिपक्ष
 
डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष
 
सरगुजा संभाग आयुक्त, अम्बिकापुर
 
आवेदक की जानकारी:
नाम: विनय चौहान
पता: ग्राम पण्डरीपानी, तहसील फरसाबहार, जिला जशपुर (छ.ग.)
मोबाइल: 9131857244 / 9753604029
 
रिपोर्टर : दीपक वर्मा

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