शनिवार को स्कूल संचालन का नया समय शिक्षकों को अस्वीकार्य छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने जताया विरोध

जशपुर : लोक शिक्षण संचालनालय द्वारा शनिवार के लिए जारी नई समय सारिणी को लेकर छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन ने कड़ा विरोध दर्ज किया है। शनिवार को शाला संचालन का समय पूर्व की भांति सुबह 7:30 बजे से 11:30 बजे तक रखने की मांग करते हुए एसोसिएशन ने वर्तमान टाइमटेबल को "अत्यंत अव्यवहारिक और आपत्तिजनक" बताया है। प्रदेश अध्यक्ष श्री संजय शर्मा ने सवाल उठाया है कि "शनिवार को स्कूल में योगाभ्यास का यह समय कैसे तय हुआ?" उन्होंने कहा कि शनिवार को एक पाली की प्रातःकालीन शाला न केवल बच्चों के लिए रुचिकर होती है बल्कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की महत्वाकांक्षी योजना "करे योग - रहे निरोग" के क्रियान्वयन में भी अत्यंत उपयोगी सिद्ध होती है। श्री शर्मा ने कहा कि सुबह के समय योगाभ्यास, व्यायाम और खेलकूद की गतिविधियों के लिए सबसे उपयुक्त होते हैं। यदि स्कूल 10 बजे से शुरू होंगे तो छात्र इन गतिविधियों से वंचित रह जाएंगे, जो उनके शारीरिक और मानसिक विकास के लिए हानिकारक होगा। मध्यान्ह भोजन योजना में असंगति: टीचर्स एसोसिएशन ने नई समय सारिणी में मध्यान्ह भोजन के समय को लेकर भी आपत्ति जताई है। नए निर्देशों के अनुसार, प्राथमिक शालाओं में मध्यान्ह भोजन का समय 1:45 बजे कर दिया गया है, जबकि माध्यमिक शालाओं में यह समय 1:10 बजे ही रखा गया है। एक ही परिसर में संचालित शालाओं में यह अंतर छोटे बच्चों को लगभग 45 मिनट तक भूखा रखने जैसा होगा, जो "नितांत अनुचित और असंगत" है। बैगलेस डे को लेकर भ्रम:संघ ने यह भी आरोप लगाया कि "बैगलेस डे" को लेकर जारी दिशा-निर्देशों में स्पष्टता का अभाव है। एक ओर निर्देशों में कहा गया है कि हर शनिवार बैगलेस डे रहेगा, वहीं दूसरी ओर टाइमटेबल के अनुसार प्रथम और तृतीय शनिवार को सामान्य कक्षाएं संचालित की जाएंगी तथा केवल द्वितीय और चतुर्थ शनिवार को ही बैगलेस डे रहेगा। इससे शिक्षकों और शिक्षण संस्थाओं में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है। इस दौरान टीचर्स एसोशियसन के प्रमुख पदाधिकारियों द्वारा नई व्यवस्था को तत्काल प्रभाव से निरस्त कर पूर्ववत व्यवस्था लागू करने की मांग की है।
रिपोर्टर : दीपक वर्मा
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