श्रावण मास में इस बार नहीं किया माही नदी ने प्राचीन शिवलिंग का जलाभिषेक

झाबुआ - जिले के प्राचीन श्रृंगेश्वर महादेव धाम के आगे माही डैम बना हुआ है। जिसके बैक वाटर के ठहराव की वजह से प्रतिवर्ष श्रावण मास में माही तट स्थित प्राचीन श्रृंगेश्वर महादेव शिवलिंग का माही नदी अपने पवित्र जल से जलाभिषेक करती है। लेकिन इस वर्ष न्यूनतम वर्षा के चलते माही नदी में पानी कम होने से माही नहीं ने अब तक नहीं किया भगवान शिव का जलाभिषेक। प्रतिवर्ष श्रावण मास में यह पुराना मंदिर माही नदी में जलमग्न हो जाता है। ओर यह दर्शन करने आने वाले भक्तों को श्रावण मास में केवल पुराने मंदिर के शिखर ध्वजा दर्शन ही हो पाते है। वर्तमान में यह मंदिर श्रावण मास दूसरे सोमवार के बाद अब तीसरे सोमवार को ओर अग्रसर है लेकिन अब तक मंदिर खुला है। यात्री आराम से पुराने मंदिर में विराजित शिवजी के दर्शन वंदन आराम से कर पा रहे है। वही श्रंगेश्वर महादेव धाम नए मंदिर के जीर्णोद्वारक श्री श्री 1008 ब्रह्मलीन महंत श्री काशीगिरीजी महाराज के द्वारा नवीन शिव मंदिर, पंच मुखी हनुमानजी,माही माता मंदिर का निर्माण की आधारशिला रखी गई थी जिसे गादीपति रामेश्वर गिरी जी महाराज के द्वारा श्री काशीगिरी जी महाराज की मंशा अनुसार चयनित तिथि पर नवीन श्रंगेश्वर धाम की स्थापना माही तट से ऊपर स्थान पर की गई। जो हजारों श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है और इस धाम पर बारह महीने में कई आयोजन आयोजित होते है। वर्तमान में इस धाम के वर्तमान गादीपति श्री रामेश्वर गिरिजी महाराज है। वर्तमान में श्रंगेश्वर महादेव धाम एवं गुरु भक्तों द्वारा श्री श्रृंगेश्वर गौसेवा धाम के नाम से गौमाता के आहार व्यवस्था के लिए वाहन सुविधा संचालित की गई है। जिसमें ग्रामीणों से श्रंगेश्वर धाम के गादीपति श्री रामेश्वर गिरिजी महाराज एवं गौसेवा समिति के नरसिंहदास बैरागी ने गौ माता के आहार व्यवस्था हेतु अपील की है कि आप अपने अपने घर से कम से कम एक रोटी गौमाता के लिए भी निकाले अन्य जो भी खाद्य सामग्री हो उसे गौ सेवा वाहन आपके द्वार आए तो आप उसमें रोटी गौमाता के लिए भेट जरूर करे।
रिपोर्टर - मनीष कुमट जैन
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