अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान इकाई झालावाड़ के तत्वावधान में 15 जून रविवार शाम 7 बजे कुष्मांडा माता मंदिर बाय पास रोड झालरापाटन परिसर में संरक्षक राजकुमार जैन टिल्लू द्वारा भव्य काव्यगोष्ठी का आयोजन किया

झालावाड़ : अखिल भारतीय साहित्य परिषद् राजस्थान इकाई झालावाड़ के तत्वावधान में 15 जून रविवार शाम 7 बजे कुष्मांडा माता मंदिर बाय पास रोड झालरापाटन परिसर में संरक्षक राजकुमार जैन टिल्लू द्वारा भव्य काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगीत सम्राट नम जी जैन की स्मृति में आयोजित कार्यक्रम की शुरुआत जिला संयोजक प्रकाश चंद्र सोनी और अध्यक्ष सुरेश निगम द्वारा मां शारदा के पूजन अर्चन तथा नम जी जैन को पुष्पांजलि के साथ हुई। संरक्षक राजकुमार जैन टिल्लू द्वारा सभी पधारे अतिथियों का तिलक माला दुशाला से सत्कार के बाद तुलसीराम सैनी ने परिषद् गीत प्रस्तुत किया। काव्यगोष्ठी का आगाज़ करते हुए महिम जैन ने शानदार अंदाज में सभी का स्वागत अभिनंदन करते हुए पितृ दिवस पर पिता को समर्पित व 'काल के चक्र का कोई भरोसा नहीं एक दिन सारे रिश्ते बिखर जाएंगे' कविताएं सुनाई। सौरभ सोनी ने वीर रस ओतप्रोत 'भारत का जयगान करो', राकेश नैयर ने व्यंग्य 'कुछ ऐसे इंसान यहां पर लगता जिनके दाम यहां पर', अरिहंत कोठारी ने 'माता तेरे चरणों की धूल जो मिल जाए', रेखा सक्सेना ने 'मैं भारत की नारी हूं नहीं किसी से हारी हूं', मोहन वर्मा ने गजल 'रिश्ते मजाक मत समझिए साहब', गर्वित विजय ने ऑपरेशन सिंदूर पर कविता सुनाई। तुलसीराम सैनी तुलसी ने 'गोरी हो जा म्हारे लार दिखा दूं झालावाड़ रंगीलो', प्रीतिमा पुलक ने 'बोले मेरा मन कहां गया बचपन', अशोक शर्मा ने 'क्या हो गया आज के इंसान को', आशा गुप्ता ने गोरी गोरी राधा, चैतन्य शर्मा चैतन ने 'पिता की सुनाई कहानी बताओ मेरी मां की गाई वो लोरी सुनाओ', कन्हैया लाल राठौर ने 'गफलत में है वो जो मुझे बूढ़ा समझते हैं', जगदीश नारायण सोनी ने 'भारत अधूरा कश्मीर के बिना नारी अधूरी सिंदूर के बिना', बृजेश सैन ने 'आओ भैया तुम्हें दिखाएं झांकी पाटन धाम की', ममता शर्मा ने 'निकली एक चिड़िया अहमदाबाद से लंदन।
रिपोर्टर : रमेश चंद्र शर्मा
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