किसान ने कमाई का ऐसा मॉडल विकसित किया, जिसने उसे अलग पहचान और सम्मान दिलाया।

बकानी - किसान भंवरलाल कुशवाह ने सिर्फ एक बीघा जमीन पर कमाई का ऐसा मॉडल विकसित किया,जिसने उसे अलग पहचान और सम्मान दिलाया। ये हैं झालावाड़ शहर से करीब 30 किलोमीटर दूर बकानी कस्बे के भंवरलाल कुशवाह (59) जिन्होंने पशुपालन आधारित जैविक खेती को आधुनिक तरीके से अपनाया। भंवरलाल खुद ही जैविक खाद और स्प्रे भी तैयार करते हैं। इससे खर्चा कम हुआ और उपज से बचत बढ़ी। इसके साथ ही पैदावार की बिक्री भी वे खुद दुकान लगाकर करते हैं। ऐसे में सिर्फ 1 बीघा की खेती से वे करीब-करीब 4 लाख रुपए का टर्नओवर लेने लगे हैं। किसान भंवरलाल कुशवाह ने बताया - 2022 से पहले मैं 1 बीघा पुश्तैनी जमीन पर परंपरागत खेती करता था। खाद के लिए यूरिया और डीएपी का इस्तेमाल करता था। सालाना मुश्किल से 40 हजार रुपए बच पाते थे। ऐसे में परिवार को पालना भी मुश्किल होता जा रहा था। 2022 में मेरे समधी, मध्य प्रदेश के सोयत निवासी गजानंद कुशवाह ने सलाह दी कि रासायनिक खेती से बहुत नुकसान है। यह मिट्टी को खराब करती है। जमीन की उर्वर क्षमता घटाती है। सब्जियों फलों में ज़हर की मात्रा बढ़ती है। इन्हें खाने से रोग बढ़ते हैं। गजानंद ने जैविक खेती स्टार्ट करने में मेरी मदद भी की।

समधी की सलाह काम आई

भंवरलाल कुशवाह कहते हैं — मुझे भी लगा कि कड़ी मेहनत के बावजूद फल-सब्जियों के ठीक दाम नहीं लगते। आखिर समधी की सलाह पर मैंने जैविक खेती शुरू की। एक बीघा जमीन पर मल्चिंग, वर्टिकल खेती, कीटरोधक प्लेटें और ग्रीन शेड जैसी आधुनिक तकनीकों का प्रयोग करते हुए खेती करना स्टार्ट किया।

ज्यादा फायदा लेने के लिए खुद की उगाई फल-सब्जियां खुद बेचीं

जैविक खेती को पशुपालन आसान कर देता है। फसल के उत्पादन से अधिक से अधिक लाभ कमाने के लिए मैंने मार्केट में खुद दुकान लगाकर सब्जी और फल भी बेचे। इस काम में पत्नी ने भी पूरा साथ दिया। मैं सब्जियां तोड़कर इकट्ठा करता हूं और पत्नी इन्हें मार्केट में बेचती है। हमारी दुकान पर "जैविक सब्जी" का बोर्ड लगा होता है। इससे कमाई बढ़ती गई और टर्नओवर 4 लाख तक पहुंच गया। मैंने जैविक खेती के बारे में 100 से ज्यादा किसानों को ट्रेनिंग भी दी है। उन्हें बताया कि कम से कम जमीन में कैसे अधिक से अधिक लाभ कमाया जा सकता है। मैं सभी किसानों को रासायनिकों से बचने और जैविक खेती करने की सलाह देता हूं, ताकि समाज में अच्छी सब्जियां और फल पहुंच सकें, जहरीली नहीं। इस काम के लिए सरकार और कृषि विभाग ने मेरा सम्मान किया। जैविक होने के कारण मार्केट में मेरी सब्जियों की डिमांड लगातार बढ़ रही है।

रिपोर्टर - रमेश चन्द्र शर्मा 

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