डीएम ने दी नगर वासियों को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई के जन्म दिवस की शुभकामनाएं

झांसी :  जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने जनपद वासियों को वीरांगना महारानी लक्ष्मीबाई की जन्म दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि शौर्य और वीरता झलकता है महारानी लक्ष्मी बाई के नाम में, प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की डोरी थी जिनके हाथ में, महारानी लक्ष्मी बाई को सादर नमन। मातृभूमि की रक्षा के लिए अंग्रेजों से लोहा लेने और हंसते-हंसते अपने प्राणों को न्यौछावर करने वाली इतिहास की महान वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई को आज पूरा देश याद कर रहा है क्योंकि आज उनकी जयंती मनाई जा रही है। आज ही के दिन यानी 19 नवंबर 1835 को झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जन्म हुआ था, जन्म के बाद उनका नाम मणिकर्णिका रखा क्या था लेकिन हर कोई प्यार से उन्हें मनु कह कर बुलाता था। सन् 1850 में उनका विवाह झांसी के महाराजा गंगाधर राव के साथ हो गया था और विवाह के बाद मणिकर्णिका को रानी लक्ष्मी बाई नाम दिया गया। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई अंग्रेजो के खिलाफ देश किया आजादी की पहली लड़ाई के दौरान 1857 में ब्रिटिश राज के प्रतिरोध का प्रतीक बन गई थी देश के इतिहास की महान वीरांगना झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर पूरा देश उनकी वीरता और बलिदान की गाथा को याद करता है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई एक ऐसी वीरांगना थी जिन्होंने 1857 की विद्रोह की नींव रखी थी और इस विद्रोह के चलते ब्रिटिश हुकूमत की नींव हिल गई थी। अपने अंतिम सांस तक अंग्रेजों से लोहा लेने वाली महारानी लक्ष्मीबाई 17 जून 1858 को अपनी आखिरी जंग के लिए तैयार हुई थी और अंग्रेजों से लड़ते हुए 18 जून को वीरगति को प्राप्त हुई थी। आज महान वीरांगना की जयंती पर उनको शत् शत् नमन।

रिपोर्टर : अंकित साहू

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