राजकीय संग्रहालय में विश्व धरोहर दिवस पर विरासत विषयक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ

झांसी : आज राजकीय संग्रहालय झांसी द्वारा विश्व धरोहर दिवस के अवसर पर हमारी संस्कृति हमारी विरासत विषयक छायाचित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। प्रदर्शनी की जानकारी देते हुए राजकीय संग्रहालय के उप निदेशक डॉ मनोज कुमार गौतम ने कहा कि किसी भी देश के लिए उसकी धरोहर या विरासत वह होती है जो उसके अतीत और गौरव गाथा को बयां करती हो। तात्कालिक समय में स्मारक और स्थल थे जो स्थान के अतीत की कहानी को आज तक समाहित किए हुए हैं। युद्ध, महापुरुष, कला और संस्कृति आदि को इतिहास के पन्नों पर दर्ज करने के साथ ही उनके सबूत के रूप में इन स्मारकों व स्थलों का सदैव जीवित रहना जरूरी है। इसके साथ ही साथ उनहोने यह भी कहा कि हर साल धरोहर दिवस की एक खास थीम होती है। साल 2024 में विश्व विरासत दिवस की थीम विविधता की खोज और अनुभव थी। वहीं इस साल विश्व धरोहर दिवस 2025 की थीम है आपदाओं और संघर्षों से खतरे में पड़ी विरासत। प्रदर्शनी को देखकर अभिभूत हुए भारतीय पर्यटन विकास समिति के सचिव डॉ प्रदीप कुमार तिवारी ने कहा कि भारत में कुल 42 यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल हैं। जिनमें 33 सांस्कृतिक, 7 प्राकृतिक और 2 मिश्रित विश्व विरासत स्थल हैं। आपको बता दें कि वल्र्ड हेरिटेज साइट्स इन इंडिया में सबसे पहले 1983 में अजंता की गुफाएं, एलोरा की गुफाएं, ताजमहल और आगरा के किले को शामिल किया गया था। आयोजित प्रदर्शनी में देश की प्रमुख विरासतों को चित्रों के माध्यम से दिखाया गया । जिसमें धमेख स्तूप सारनाथ, दशावतार मन्दिर देवगढ़, झांसी का किला, हवा महल, लाल किला, कन्दरिया महादेव मन्दिर खजुराहो, गढ़कुण्डार का किला, कुशीनगर, गुरू गोरक्षनाथ मन्दिर कोणार्क सूर्य मंदिर, ओरछा एंव अजंता एलोरा की गुफाएं इत्यादि प्रमुख स्मारकों को दिखाया गया है। उक्त कार्यक्रम में मुख्य रूप से भारतीय पर्यटन विकास समिति के सचिव डॉ प्रदीप कुमार तिवारी, क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी डॉ कीर्ति, सोम तिवारी, अशोक अग्रवाल काका, नीरज पाहुजा, दिनेश श्रीवास्तव, डॉ रंजना सिंह बुन्देला , माला मेहरोत्रा, कुन्ती हरिराम, रिंकी श्रीवास्तव, सुरेश झा, अजय वर्मा, रवीश कुमार त्रिपाठी महेंद्र आदि प्रबुद्ध लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्टर : राजीव
No Previous Comments found.