झांसी में कानून व्यवस्था पर उठे सवाल-सजा याफ्ता अपराधियों ने वृद्ध रिटायर्ड अध्यापक पर किया जानलेवा हमला

झांसी - उत्तर प्रदेश के झांसी जनपद अंतर्गत गरौठा थाना क्षेत्र के ग्राम जलालपुर में कानून व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए सजा याफ्ता अपराधियों ने रिटायर्ड वृद्ध अध्यापक चंद्रपाल सिंह पर लाठी-डंडों से जानलेवा हमला कर दिया। मकसद था—उनके पुश्तैनी मकान पर जबरन कब्जा करना। पीड़ित की शिकायत के बावजूद स्थानीय पुलिस की कार्रवाई पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं, जिससे वृद्ध शिक्षक को डीआईजी झांसी और योगी सरकार से न्याय की गुहार लगानी पड़ी। प्राप्त जानकारी के अनुसार, जलालपुर निवासी चंद्रपाल सिंह के मकान का कुछ हिस्सा हाल ही की बरसात में गिर गया था। इसी का फायदा उठाते हुए गांव के ही धर्मेंद्र सिंह, जितेंद्र सिंह, और हत्या के मामले में सजा पा चुके दो अन्य अपराधी—महेंद्र पाल सिंह और ज्ञान सिंह—ने उस पर अवैध कब्जे की योजना बनाई। जब चंद्रपाल सिंह ने विरोध किया, तो इन सभी ने लाठी-डंडों से हमला बोल दिया। घायल वृद्ध के सिर और शरीर पर गंभीर चोटें आईं और वे बेहोश होकर गिर पड़े। परिवार वालों ने किसी तरह उन्हें घर के अंदर सुरक्षित किया और तत्काल पुलिस को सूचना दी। पुलिस की भूमिका संदिग्ध घटना के बाद 112 पीआरबी की सहायता से घायल को उपचार के लिए ले जाया गया, और गरौठा थाने में एफआईआर दर्ज की गई। प्रारंभिक स्तर पर मेडिकल और प्राथमिकी की प्रक्रिया हुई, लेकिन कुछ ही दिनों में पुलिस का रुख पूरी तरह बदल गया। पीड़ित ने आरोप लगाया कि थानाध्यक्ष द्वारा उन्हें लगातार समझौता करने का दबाव दिया जा रहा है। कहा जा रहा है कि अगर राजीनामा नहीं किया, तो उन्हें झूठे मुकदमों में फंसा कर जेल भेज दिया जाएगा। अपराधी खुलेआम हथियार लेकर घूम रहे।चंद्रपाल सिंह का आरोप है कि हमलावरों में शामिल महेंद्र पाल सिंह और ज्ञान सिंह जैसे अपराधी हत्या जैसे संगीन अपराधों में सजा पाए हुए हैं, लेकिन जमानत पर रिहा होकर गांव में खुलेआम घूम रहे हैं। ये लोग न केवल गुंडागर्दी करते हैं, बल्कि अवैध हथियारों का प्रदर्शन कर ग्रामीणों में भय पैदा करते हैं और बालू के अवैध खनन जैसे आपराधिक कार्यों में भी लिप्त हैं। न्याय न मिलने से निराश चंद्रपाल सिंह ने डीआईजी झांसी को लिखित शिकायत सौंपी है। उन्होंने अपने और परिवार की जान-माल की सुरक्षा की मांग करते हुए कहा कि अब उन्हें केवल उच्च अधिकारियों और सरकार से ही उम्मीद है। डीआईजी ने इस मामले में गंभीरता दिखाते हुए जल्द कानूनी कार्रवाई और न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। बेटे गजराज सिंह ने भी मांगी सुरक्षा: घटना के प्रत्यक्षदर्शी और पीड़ित के पुत्र गजराज सिंह ने बताया कि अब परिवार में हर कोई भय के साये में जी रहा है। उन्होंने भी अपराधियों की गिरफ्तारी और सख्त कार्रवाई की मांग की है। इस घटना ने यह साबित कर दिया है कि यदि सजायाफ्ता अपराधी बेल पर बाहर निकलकर भी इसी तरह से बेलगाम रहते हैं, तो आम नागरिकों की सुरक्षा पर गहरा संकट मंडरा रहा है। गरौठा पुलिस की भूमिका की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और पीड़ित को त्वरित न्याय मिलना चाहिए, तभी जनता का प्रशासन और कानून पर विश्वास बना रह सकता है।

 रिपोर्टर : धीरेंद्र सोनी 

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