संपत पाल पहुँची संघर्ष सेवा समिति कार्यालय, महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में गढ़े जायेंगे नये आयाम

झाँसी : गुलाबी गैंग भारत का महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में व्यापक समूह है, जो अपनी गुलाबी साड़ियों और बांस की छड़ियों के लिए जाना जाता है, जिसकी स्थापना 2006 में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में संपत पाल देवी ने की थी। संपत पाल ने संगठन की शुरुआत बांदा जिले में महिलाओं की दुर्दशा को देखते हुए की थी जो हिंसा और गरीबी की उच्च दर के लिए जाना जाता है। उनका उद्देश्य शक्तिहीनों की रक्षा करना, भ्रष्टाचार से लड़ना और गरीबों के बुनियादी अधिकारों को सुनिश्चित करना है। धीरे-धीरे यह संगठन लगातार लोकप्रिय होता गया और संगठन में हजारों की संख्या में महिलाएं सम्मिलित हो गई। गुलाबी गैंग की ख्याति को देखते हुए इस समूह पर एक फिल्म भी बनाई जा चुकी है। गुलाबी गैंग की संस्थापक संपत पाल अपने कार्यकर्ताओं के साथ संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुँची जहाँ उनकी डॉ० संदीप से महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा हुई। डॉ० संदीप ने आश्वासन दिया संघर्ष सेवा समिति महिला सशक्तिकरण के लिए गुलाबी गैंग के साथ जुड़कर झाँसी और आसपास के क्षेत्र में वृहद स्तर पर कार्य करेगी। वहीं संपत पाल ने डॉ० संदीप को छोटे भाई के रूप में अंगीकार कर आजीवन सहयोग का आश्वासन देते हुए कहा डॉ० संदीप समाजसेवा के क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे हैं आज मुझे डॉ० संदीप के रूप में छोटा भाई मिला। हमारा उद्देश्य महिलाओं को सुरक्षा प्रदान करना एवं उनकी आधारभूत आवश्यकताओं के लिए रोजगारपरक बनाना है साथ ही महिला सुरक्षा के लिए भी हम लगातार कार्य कर रहे हैं। डॉ० संदीप जैसे लोगों के सहयोग से निश्चित रूप से इस आंदोलन में तीव्रता आएगी। इस अवसर पर डॉ० संदीप सरावगी ने कहा अन्याय के खिलाफ साहस और शौर्य के साथ लड़ना यह झाँसी की धरती में निहित है। रानी लक्ष्मीबाई और झलकारी बाई जैसी वीरांगनाओं ने देश के लिए अपने प्राण तक बलिदान कर दिए। इसी तरह हमारी बड़ी बहन संपत पाल भी महिला सशक्तिकरण के लिए तन मन धन से समर्पित हैं। मैं उनके कार्यों के लिए हृदय तल से सराहना करता हूं और आश्वासन देता हूँ भविष्य में कभी भी जहां मेरी आवश्यकता होगी मैं सदैव तत्पर रहूंगा। इस अवसर पर कामता प्रसाद, हाजरा रब, रोशन आरा, सीमा रजक, प्रतिमा ओझा, छाया नगीना, भावना सिंह, अंगूरी देवी, चांदनी, हंसराज, प्रमिल थापक, गुलाब यादव, रविंद्र यादव, गिरीश यादव, अब्दुल रब, दीपक, नारायण, मास्टर मुन्नालाल, महेंद्र रायकवार, बसंत गुप्ता, राहुल रायकवार, आशीष विश्वकर्मा, सुशांत गेडा, अरुण पांचाल, दीक्षा साहू, संदीप नामदेव, कमल मेहता, राजू सेन, राकेश अहिरवार आदि उपस्थित रहे।
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