म.प्र. के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव एवं बाबा बागेश्वर द्वारा डॉ संदीप को भामाशाह पुरस्कार से किया गया सम्मानित

झाँसी : खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में बुंदेलखंड विकास और यथार्थ विषय पर दो दिवसीय परिसंवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव सहित बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र शास्त्री मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में बुंदेलखंड में उत्कृष्ट सेवाएं देने वाले कई गणमान्यों को सम्मानित किया गया। विधिवत रूप से दीप प्रज्वलन एवं पूजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत की गई कार्यक्रम में मृत्यु उपरांत वरिष्ठ स्तंभकार प्रशांत वाजपेई की धर्म पत्नी वर्णिका वाजपेई को राम शंकर अग्निहोत्री नारद पत्रकारिता सम्मान एवं ₹200000 का चेक सौंपा गया। यह सम्मान झांसी जनपद के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉक्टर संदीप सरावगी के माध्यम से मंचासीन अतिथियों के साथ उनके हाथों से दिया गया। कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों द्वारा डॉक्टर संदीप की खुलकर सराहना की गई। इस योगदान के लिए डॉक्टर संदीप को भामाशाह पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। इसके अतिरिक्त डॉक्टर के के प्रजापति को चिकित्सा क्षेत्र में चरक सम्मान, डॉक्टर निवेदिता शर्मा, ओंकार सिंह एवं कृपा शंकर चौबे को बाल अधिकार संरक्षण के क्षेत्र में उत्कृष्ट सेवाओं से सम्मानित किया गया। साथ ही निर्मल दास नारंग को सहरिया जनजाति समाज के बीच शिक्षा एवं सामाजिक क्रांति करने के लिए सम्मानित किया गया। ओम प्रकाश गुप्ता को श्रीकांत जोशी सम्मान, अखिलेश उपाध्याय को ग्रामीण विकास के लिए, शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिए संजय पटवा, प्रशांत तिवारी, स्नेहलता सिंह बुंदेला को सम्मानित किया गया। दीपेंद्र पद्म बरैया को गौ सेवा सम्मान, संजय शर्मा को समाज सेवा के क्षेत्र में, सेवा भारती से जुड़े राजेश उपाध्याय को उनकी सेवा के लिए किए गए समर्पण पर, रोजगार उपलब्ध कराने के लिए सचिन सक्सेना को, विनोद पुरवार को समाज सेवा के लिए और पंडित भगवती प्रसाद शुक्ला को सनातन धर्म के मर्म को समझ कर राष्ट्र सेवा के लिए कार्य करने पर स्वतंत्र वीर सावरकर सम्मान से सुशोभित किया गया। इस अवसर पर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने कहा बुंदेलखंड की धरती के बारे में ऐसा कहा जाता है कि एक फीनिक्स पक्षी के बारे में एक कहानी है जिसके बारे में कहा जाता है उसके शरीर को जला दो जब वह राख का ढेर हो जाए इस ढेर से फीनिक्स पक्षी वापिस बाहर निकाल कर पंख फड़फड़ाते हुए अपनी नई यात्रा के लिए निकल जाता है। यहां के वीरों ने कभी किसी के सामने सिर नहीं झुकाया अपनी वीरता, शौर्य, साहस, पराक्रम पुरुषार्थ का उदाहरण आप यह खजुराहो के मंदिर को देख रहे हो। भारत देश में सनातन धर्म के देव स्थानों पर आक्रमण हुआ किन्हीं कारणों से उनमें खजुराहो के मंदिर और उज्जैन के मंदिर भी शामिल है इन मंदिरों को बचाने के लिए बुंदेलखंड के वीरों ने मिट्टी के बड़े-बड़े ढेर बनाकर मंदिर ढक दिए थे। इस प्रकार उन्हें बचाया गया यह सिर्फ बुंदेलखंडी कर सकता है कोई और नहीं। उद्बोधन के क्रम में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा अभी तक अस्पतालों में मंदिर थे लेकिन अब इतिहास बदलने जा रहा है मंदिरों में अस्पताल तैयार होंगे। हमारा भारत विश्वामित्र का भारत है जो विश्व में एक मित्र की भूमिका निभा रहा है। हमारे प्रधानमंत्री विश्व के सभी नेताओं जेलेंस्की, पुतिन और ट्रंप से एक साथ बात करते हैं। दूसरी ओर विश्व के नेता पुतिन जेलेंस्की से और ट्रंप पुतिन से बात नहीं करते। बुंदेलखंड को 23 फरवरी के दिन एक बड़ी सौगात देने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आ रहे हैं। हमारा बुंदेलखंड अद्भुत है यहाँ औद्योगिक क्षेत्र के लिए अपार संभावनाएं हैं। हमारे बुंदेलखंड में विभिन्न संस्कृतियों के लिए भी अपार संभावनाएं हैं। ऐसी भूमि न दुनिया के खंड-खंड में, जन्म दइयो विधाता बुंदेलखंड में। आगे के क्रम में खजुराहो सांसद विष्णु दत्त शर्मा ने कहा खजुराहो अब एक नई पहचान आईकॉनिक सिटी के रूप में तैयार होगा। जिसका हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सपना देखा है मैं सौभाग्यशाली हूँ कि मुझे यहां सेवा करने का अवसर आमजन ने दिया है। आगे के क्रम में संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉक्टर संदीप ने कहा बुंदेलखंड यज्ञ, तप, साहस और शौर्य के लिए जाना जाता है बुंदेलखंड मात्र एक ऐसा क्षेत्र है जहां वीरों के साथ वीरांगनाओं ने भी देश का नाम रोशन किया है बुंदेलखंड का हृदय स्थल झाँसी आज पूरे विश्व में झाँसी की रानी के नाम से जाना जाता है। रानी झाँसी, मेजर ध्यानचंद, चंद्रशेखर आजाद, मैथिली शरण गुप्त आदि को हम अपना आदर्श मानते हुए समाजसेवा के क्षेत्र में संपूर्ण बुंदेलखंड में कार्य कर रहे हैं। हमारा संगठन जाति पाति से परे होकर समाज सेवा के क्षेत्र में धरातल स्तर पर कार्य कर रहा है। अब तक हम सैकड़ों बेटियों के पैर पखाकर विदा कर चुके हैं, वहीं चिकित्सा, शिक्षा और खेल क्षेत्र में भी हमारा संगठन कार्य कर रहा है। महिला सशक्तिकरण की बात करें तो हमारे क्षेत्र की महिलाएं काफी सशक्ति हैं बस उन्हें उजागर करने की आवश्यकता है। इस अवसर पर हजारों की संख्या में क्षेत्रीय लोग एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
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