भूमि पर की गई नामांतरण प्रकिया निरस्त करने एवं धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने की मांग पीड़ित महिला ने सीएम व डीएम से की

झांसी : ग्राम बुढ़िया तहसील मऊरानीपुर निवासी लाड़कुंवर पत्नी रामप्रसाद ने जिलाधिकारी/मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश सरकार को प्रार्थना पत्र भेजकर अवगत कराया कि प्रार्थिया के पति रामप्रसाद के नाम मौजा चितावत में दर्ज कागजात थी। मेरे पति को पुत्री की शादी के लिए पैसे की आवश्यकता थी तो मैने अपने चचेरे भाई से शादी के वास्ते रुपये 1,40000 रुपये उधार लिए थे और 4 वर्ष के लिए भूमि बलकट पर दे दी थी। मेरा पति अनपढ हैं और सन्यासी के रूप में भगवान की सेवारत हैं। चचेरे भाई ने पति से कहां की 4 वर्ष के लिए जमीन की लिखा पढ़ी कर दो और जब तुम्हारे पास पैसा हो जाएगा तो हम तुम्हारी जमीन वापिस कर देंगे। मेरे पति को मऊरानीपुर लाकर धोकाधड़ी से जमीन का रजिस्टर्ड  बैनामा करा लिया। जब मेरे पास पैसे हुए तो में पैसे लेकर पति के साथ अपने मायके चचेरे भाई के यहां गयी और पैसे देकर बैनामा वापिस करने को कहा तो मेरा भाई अपने वादे से मुकर गया और बोला हमने जमीन की रजिस्ट्री करा ली हैं अब बो मेरी हैं हम जमीन वापिस नही देंगे। मेरे पति ने काफी समझाया लेकिन वह नही माना। अब वह मेरी जमीन वापिस नही कर रहा हैं। प्रार्थना पत्र में आगे बताया कि रजिस्ट्री के निरस्तीकरण के लिए सिविल ज्यूडिशियल में वाद विचाराधीन हैं। और दाखिल खारिज पर भी पति ने आपत्ति लगाई हैं। उक्त भूमि पर एसबीआई बैंक बड़ागांव में 1,75000 रुपये, उत्तर प्रदेश ग्राम विकास बैंक शाखा मऊरानीपुर में 1,70000 रुपये, उत्तर प्रदेश सहकारी ग्राम विकास बैंक मऊरानीपुर में 1,40000, इलाहाबाद बैंक मऊरानीपुर में 2,47000 रुपये कुल बंधक 7,32000 रुपये हैं। बंधक जमीन पर बैंक द्वारा कुर्क की कार्यवाही भी प्रस्तावित हैं। जिसको लेकर चचेरे भाई की पत्नी का नामांतरण कार्यालय तहसीलदार के यहां आपत्ति दर्ज की गई थी। लेकिन तहसील कार्यालय द्वारा उक्त भूमि का नामांतरण कर दिया गया। उक्त नामांतरण आदेश की जानकारी बैंको को हुई तो उनके द्वारा आपत्ति दर्ज कर कुर्क सम्पत्ति का ब्यौरा प्रस्तुत किया गया। जिस पर तहसीलदार द्वारा नामांतरण प्रकिया निरस्त करके पुनः रामप्रसाद पुत्र ड़रुआ के नाम कर दी गई। जिससे उक्त मेरे चचेरे भाई शासन प्रशासन को गुमराह करते हुए और दबाव में लेने के उद्देश्य से तहसील के पास स्थित पानी की टंकी पर चढ़ गया और आत्महत्या की धमकी देने लगा और घण्टो ड्रामा करता रहा। जिस पर प्रशासन ने समझा बुझाकर टंकी पर से उसको नीचे उतारा। प्रशासन द्वारा उसके विरुद्ध कोई सुसंगित धारा में मुकदमा नही कराया गया बल्कि दिनांक 05 जून 2025 को धारा 207 गलत उनमान मुकदमा की पत्रावली में स्थिगन आदेश पारित किया। जबकि उक्त जमीन पर कुर्क की कार्यवाही व तमाम बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण के रूप में बंधक हैं। पीड़िता ने भूमि पर की गई नामांतरण प्रकिया निरस्त करने एवं धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज करने की मांग की हैं।

रिपोर्टर :  संतोष श्रीवास

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