श्री सद्गुरु आश्रम मऊरानीपुर में चल रही श्रीमद्भा गवत भक्तमाल कथा

झांसी - श्री सद्गुरु आश्रम मऊरानीपुर में चल रही श्रीमद् भागवत भक्तमाल कथा के बारहवें दिवस ओरछा से आए श्री महाराज जी ने कहा कि श्री विदुर चरित्र विदुर विदुरानी के भाव से भगवान श्री कृष्ण दुर्योधन की मेवा को त्याग कर विदुरानी काकी के केला साग को प्रेम से पाते हैं। "दुर्योधन की मेवा त्यागी साग विदुर घर खाई सबसे ऊंची प्रेम सगाई"। इसी कलियुग में भक्तमति कर्मा बाई की खिचढी का भोग श्री जगन्नाथ भगवान लगाते हैं। बृद्धा कर्मा बाई के शरीर छोड़ने पर भगवान की आंखो से आंसू निकलने लगे पुजारियों ने पूछा प्रभू क्यों रो रहे हैं तो आकाश वाणी हुई मुझे कर्मा की खिचडी चाहिए तब पुजारियों ने कहा प्रभू कर्मा नहीं है लेकिन कर्मा बाई के नाम की खिचडी का भोग आपको रोज़ लगेगा। भाव का भूंखा हूं मैं भाव ही एक सार है।भाव से भजता मुझे तो भव से बेढा पार है। कथा के अंत में प्रसादी की सेवा श्रीमती संतोषी बद्री दासाधारी के द्वारा की गई। भौम प्रदोष की मंगल बेला में भक्तों द्वारा तेईस हजार पार्थिव शिवलिंगों का निर्माण किया गया। आश्रम में ज्योति अनिल डेंगरे,ताराचंद मंगल,अंजना मंगल,देव,रिया,दिनेश नीखरा,तरुणा नीखरा,सुनील माथुर,ममता,नरेंद्र कुशवाहा,श्री राम साहू,राजकुमारी साहू,दिनेश शर्मा,कमलेश कुशवाहा,गीता कुशवाहा,लल्लू विश्वारी,भगवान दास मुंशी रवि कुशवाहा चंद्रावती कुशवाहा,ध्रुव,रीता बादल,बृज किशोर गुप्ता,शकुंतला गुप्ता,कमलेश नगरिया,माया साहू,स्नेहा गुप्ता, प्रीति गुप्ता, फूला देवी रैकवार,माया साहू,कस्तूरी देवी,प्रभा अग्रवाल,प्रीति अग्रवाल,रानू तिवारी, पुष्पा पटेल,इत्यादि भक्तगण मौजूद रहे।
रिपोर्टर - संतोष श्रीवास
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