भारत गौरव रत्न श्री सम्मान अवार्ड से सम्मानित हुए डॉ० संदीप, वर्ल्ड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन के नेशनल वॉइस प्रेसिडेंट हुए नियुक्त

नई दिल्ली : संघर्ष सेवा समिति जिसके संस्थापक डॉ० संदीप सरावगी ने असहाय वर्ग को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की विचारधारा के साथ यह समाजसेवी संगठन शुरु किया था। समय के साथ-साथ सदस्यों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई, समाजसेवा का कार्यक्षेत्र भी व्यापक होता गया। लोगों को सहायता मिली तो प्रसिद्धी भी तीव्र गति से मिलती गई। झाँसी जनपद और आसपास के क्षेत्र में डॉक्टर संदीप के समाजसेवी कार्यों को देखते हुए अब तक राष्ट्रीय, अंतर्राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय स्तर के सैकड़ों अवॉर्डों से सम्मानित किया जा चुका है। डॉ० संदीप के कार्यों को देखते हुए देश की राजधानी दिल्ली चाणक्यपुरी स्थित दा अशोक होटल में डॉ० संदीप को भारत गौरव रत्न श्री सम्मान अवार्ड से विभूषित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में असम, नागालैंड और मिजोरम के पूर्व गवर्नर जदीश मुखी, दिल्ली विधानसभा सदस्य चंदन कुमार चौधरी, बॉलीवुड अभिनेत्री नुशरत भरूचा, निजाम फैमिली वीफेयर संगठन के अध्यक्ष नजफ अली खान, द रिपब्लिक ऑफ पलाऊ टू इंडिया के पदाधिकारी नीरज शर्मा, वेनेजुएला के बोलीवेरियन गणराज्य की राजदूत कैपया रोड्रिगेज गोंजालेज, मालदीव गणराज्य की उच्चायुक्त ऐशथ अज़ीमा, इराक गणराज्य से नजर मिरजन अल असदी, रवांडा गणराज्य के उच्चायुक्त मुंकागिरा जैकलीन, डेमोक्रेटिक रिपब्लिक ऑफ तिमोर-लेस्टे के राजदूत कार्लिटो नन्स, बोस्निया और हर्जेगोविना के सचिव आर्मिन मेसिनोविक उपस्थित रहे। अतिथियों द्वारा कार्यक्रम में आमंत्रित प्रभावशाली व्यक्तित्वों को प्रशस्ति पत्र एवं प्रशस्ति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान मिनिस्ट्री ऑफ़ कॉरपोरेट अफेयर्स गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया के तहत भारत सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त अवार्ड है। विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले प्रभावशाली व्यक्तित्वों को सम्मानित करने हेतु प्रतिवर्ष यह सम्मान समारोह राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित किया जाता है। इस वर्ष देश भर के कुल 40 लोगों को इस सम्मान से विभूषित किया गया। इसके साथ ही डॉक्टर संदीप को वर्ल्ड ह्यूमन राइट प्रोटेक्शन कमीशन के नेशनल वॉइस प्रेसिडेंट के पद पर भी नियुक्त किया गया। डॉ० संदीप का कहना है समाजसेवा किसी एक व्यक्ति विशेष के बस की बात नहीं है इसके लिए एक सशक्त संगठन की आवश्यकता होती है। संगठन में ऐसे सहयोगियों का होना जरूरी है जो पूर्ण मनोयोग के साथ परोपकार की भावना रखते हुए समाज को मुख्य धारा से जोड़ने हेतु सजगता के साथ कार्य करें। यदि आपके समक्ष कभी ऐसी स्थिति आती है कि कोई असहाय या पीड़ित व्यक्ति आपसे सहायता का अनुरोध कर रहा हो और सहयोग में आपका हाथ आगे बढ़ता है तो निश्चित रूप से आपके अंदर मानवता जीवित है। हमें निश्चित रूप से असहायों पीड़ितों की क्षमतानुसार सहायता करना चाहिए यही मानव धर्म है। आज विभिन्न स्तरों पर जो सम्मान प्राप्त हो रहे हैं निश्चित रूप से इसमें संघर्ष सेवा समिति के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों का सहयोग है। मैं देश भर की जनता से यह आवाह्न करता हूं यदि आप प्रत्यक्ष रूप से समाज हेतु कोई कार्य नहीं कर पा रहे हैं तो आप हमारी समिति से जुड़कर समाज का सहयोग कर सकते हैं, यह विश्वास रखिए परोपकार कर निश्चित रूप से आपको आत्मशुद्धि जैसी भावनाओं का अनुभव होगा।
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