पृथक बुंदेलखंड राज्य का गठन अब जनभावना नहीं, जन अधिकार है-कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह

झांसी : बुंदेलखंड क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह के नेतृत्व में आज झांसी में जिलाधिकारी को प्रधानमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन के माध्यम से पृथक बुंदेलखंड राज्य की मांग दोहराई गई और इसे क्षेत्र के विकास, सम्मान और भविष्य से जुड़ा हुआ जन अधिकार बताया गया। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि 1948 में बुंदेलखंड को राज्य का दर्जा मिला था, लेकिन 1950 में उसका नाम विंध्य प्रदेश कर दिया गया और 1956 में इसे खत्म कर उत्तर प्रदेश व मध्य प्रदेश में बांट दिया गया। यह ऐतिहासिक अन्याय आज तक क्षेत्र की प्रगति में बाधक बना हुआ है। कुंवर सत्येन्द्र पाल सिंह ने कहा कि बुंदेलखंड का समग्र विकास तभी संभव है जब इसे पृथक राज्य का दर्जा दिया जाए। यह अब केवल मांग नहीं, बल्कि क्षेत्र की जनता का संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकार है। हमारा संघर्ष अंतिम सांस तक जारी रहेगा।"
ज्ञापन में जनगणना 2011 के अनुसार क्षेत्र की जनसंख्या 1.83 करोड़ और क्षेत्रफल 70,592 वर्ग किलोमीटर होने का हवाला देते हुए कहा गया कि बुंदेलखंड सभी मापदंडों पर एक सशक्त राज्य बनने की योग्यता रखता है।
इस अवसर पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमर सिंह, राष्ट्रीय महासचिव मोहम्मद नईम मंसूरी, उपाध्यक्ष हरी नारायण श्रीवास्तव , जिलाध्यक्ष विनोद वर्मा, राष्ट्रीय अध्यक्ष युवा मोर्चा एड. शरद प्रताप सिंह नगर अध्यक्ष कालीचरण श्रीवास, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष शारदा शर्मा, महिला मोर्चा नगर अध्यक्ष रेखा साहू, प्रदेश अध्यक्ष युवा मोर्चा अरविंद सिसोदिया, मो. आरिफ कमाल, हरिशंकर शर्मा, अनवार अहमद मंसूरी, दुर्गा प्रसाद, अफसर अली, दीपक परिहार, देवेंद्र सेंगर, राज सिंह शेखावत, जगदीश विश्वकर्मा, अरविंद शुक्ला, पप्पू श्रीवास, जामिन हुसैन, सुनील पुरोहित, बृजकिशोर , अरुण दीक्षित, जिलाध्यक्ष युवा मोर्चा दीपक यादव सेमरी, जुबेर खान, मो सोहेल खान, अर्जुन कुमार, लोकेंद्र परिहार, करण सिंह, शकील खान सहित अनेक पदाधिकारी और कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
रिपोर्टर : अंकित साहू
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