संघर्ष सेवा समिति द्वारा आयोजित 'एक शाम किशोर दा के नाम' में झूमी झाँसी की जनता

झाँसी : हिंदी सिनेमा जगत के लोकप्रिय गायक किशोर कुमार की 96वीं जयंती के अवसर पर संघर्ष सेवा समिति द्वारा 'एक शाम किशोर दा के नाम' कार्यक्रम का भव्य आयोजन दीन दयाल सभागार में सम्पन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में झांसी नगर निगम के महापौर बिहारी लाल आर्य, मुंबई से आमंत्रित फिल्म निर्माता, निर्देशक व लेखक राज शांडिल्य एवं पार्श्व गायक शैलेंद्र कुमार व विशिष्ट अतिथि के रूप में भानु सहाय, ब्लॉक प्रमुख इंजीनियर भारतीय आर्य उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य ने की। अतिथियों के आगमन पर मुख्य आयोजक डॉक्टर संदीप सरावगी व संयोजक जीतू देव आनंद द्वारा तिलक व माल्यार्पण कर स्वागत किया गया तत्पश्चात अतिथियों व आयोजक द्वारा दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। कार्यक्रम में आमंत्रित गायकों द्वारा किशोर कुमार के गानों पर बेहतरीन प्रदर्शन किया गया जिस पर कार्यक्रम में उपस्थित सभी श्रोतागण हर्ष से झूम उठे। कार्यक्रम में विशेष रूप से आमंत्रित गायकों में शैलेंद्र कुमार, संदीप राय व राज शांडिल्य, संध्या कश्यप ने स्पेशल परफॉर्मेंस दी वहीं क्षेत्रीय गायकों में महेंद्र सेन, सुनील निगम, सिराज खान, रामकुमार लोहिया सहित दर्जनों गायकों ने किशोर कुमार के गानों पर अपनी प्रस्तुति देकर समा बांधा। कार्यक्रम में वरिष्ठ कवियित्री, लेखिका व समाजसेवी सुधा चौधरी एवं युवा समाजसेवी शनी जैन को प्रशस्ति पत्र व प्रशस्ति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। लखनऊ से आमंत्रित एंकर दीपिका यादव ने कार्यक्रम का संचालन कर आयोजन की शोभा ने चार चांद लगाये। मंच से संबोधित करते हुए संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉक्टर संदीप ने कहा किशोर कुमार हिंदी सिनेमा के सबसे लोकप्रिय और बहुमुखी कलाकार थे। उनका जन्म 4 अगस्त 1929 को मध्य प्रदेश के खंडवा में हुआ था, उनका असली नाम आभास कुमार गांगुली था। बचपन से ही किशोर दा को गाने का बहुत शौक था, लेकिन उन्होंने कभी औपचारिक संगीत शिक्षा नहीं ली। उन्होंने अपनी आवाज़ को खुद के प्रयास से निखारा और यही उनकी खासियत बनी। किशोर कुमार केवल गायक नहीं थे, वे एक संपूर्ण कलाकार थे गायक, अभिनेता, संगीतकार, लेखक, निर्माता और निर्देशक। उनकी आवाज़ में जो जादू था, वह आज भी दिलों को छू जाता है। उनकी आवाज़ के साथ-साथ उनका व्यक्तित्व भी उतना ही रोचक था। वे बेहद मस्तमौला, हंसमुख और बेबाक इंसान थे। उनकी 96वीं जयंती के अवसर पर संघर्ष सेवा समिति द्वारा दीनदयाल सभागार में कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह कार्यक्रम उस महान गायक को समर्पित है जिसने हिंदी सिनेमा जगत में गायन की नई परिभाषा रची। इस अवसर पर सैकड़ों की संख्या में संघर्ष सेवा समिति सदस्य व आमजन उपस्थित रहे।
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