बचाओ खुद को जुआ,सूद और सट्टा से, हलाल रोज़ी कमाओ अगर तुम हुसैनी हो

झांसी : मदरसा अल जामियातुल राज्जाकिया सोसायटी आस्ताना-ए- सरकार बांसा अपिया हुजूर महाराज सिंह नगर पुलिया नंबर 9 झांसी में सूफी अफराज हुसैन की जेरे निगरानी में हर वर्ष की तरह इस वर्ष भी अपिया हुजूर का 11वां उर्स सम्पन्न हुआ। इस दौरान बाद नमाज फज़िर कुरान ख्वानी हुई अपिया हुजूर की दरगाह जरारी शरीफ में चादर व फूल पेश कर कौमी एकता की मिसाल पेश की गई। आसताने की चैखट पर सजदा कर जियारत करने वाले जायरीनो की भीड लगातार बढने लगी है। इस मौक पर तकरीरी प्रोग्राम भी हुआ। नबी की सुन्नतों पर चलने का तरीका सिखाया। अपिया हुजूर के 11वें उर्स के मौके पर अकीदतमंदो ने सलतो सलाम का नजराना पेश किया व अस्ताना शरीफ में चादर शरीफ चढ़ाई। पड़कर नात "अली के लाल ने सब कुछ लुटाया कर्बल में, तुम उनका सदका लुटाओ अगर हुसैनी हो"
"बचाओ खुद को जुआ सूद और सट्टा से हलाल रोज़ी कमाओ अगर तुम हुसैनी हो" इस दौरान मदीना मस्जिद इमाम कारी जमील अहमद ने अपिया हुजूर की हयाते जिंदगी पर रोशनी डालते हुए तकरीर में कहा कि उनका आदर्श था कि हिन्दू, मुस्लिम, सिख, ईसाई हम सब एक मालिक के बन्दे है। हमे बेहतरीन तालीम हासिल कर कौमी एकता, भाईचारे, इन्सानियत के साथ रहते हुए जाति, रंग, नस्ल व नाम से किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। नमाज़ को पाबन्दी के साथ पढने व जाहिलियत की बुरी रस्मों को खत्म करने का पैगाम दिया। इस अवसर पर मौलाना रिजवान, मुफ्ती इमरान, हाफिज शफीक, मौलाना सलीम, मौलाना अजीज निजामी ने हूजूर की शान व मर्तबा बताया। इस दौरान सैय्यद बशारत अली, नियाज महोबी , अब्दुल रहमान, आदिल, अब्दुल वाहिद, अलीम मास्टर, सुल्तान, सादिक, आरिफ खान, मेहताब, सलीम, राम सहाय, इंतजार अली, शफीक खान , फैजान, कदीम अहमद, मुहम्मद अली, अब्दुल गनी, सिराज, संजय, आशिक, आसिफ, अरबाज, हाजी सलीम, बबलू भाई, मुमताज मास्टर हाजी इनायत मौजूद रहे। निजामत अलीम अहमद ने की।
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