स्वार्थ भरी इस दुनिया के रिश्तों में केवल रक्षाबंधन निस्वार्थ: डॉक्टर संदीप संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर उमड़ी बहनों की भीड़ डॉ. संदीप ने बंधवाई राखी, दिए उपहार

झाँसी : आंखों में असीम पवित्र प्रेम। हृदय में हिलोरें लेती भावनाएं। आंखों की गीली हो रही कोरें, लेकिन चेहरे पर मुस्कान। दिलों में दुआओं का अंबार और हाथों में रेशम का रक्षा सूत्र। कुछ ऐसा ही नजारा दिखा संघर्ष सेवा समिति कार्यालय का, जहां एक दो की संख्या में नहीं, बल्कि भीड़ की शक्ल में बहने अपने हर एक अभावग्रस्त का सहारा बनने वाले समिति के संस्थापक अध्यक्ष डॉ. संदीप सरावगी की कलाई पर राखी बांधने के लिए आई थी। सुबह से ही इन बहनों का आना शुरू हो गया था। पूर्वाहन होते-होते पूरा का पूरा संघर्ष सेवा समिति कार्यालय डॉ. संदीप सरावगी के निस्वार्थ पवित्र प्रेम की वजह से बनीं बहनों से भर गया। यहां प्रजापिता ब्रह्मकुमारी आश्रम से ब्रह्म कुमारिया भी संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पहुंची। डॉ. संदीप सरावगी की कलाई में हर वह बहन राखी बांधने के लिए उत्सुक दिखाई दी, जिसके अभावग्रस्त होने पर डॉक्टर संदीप सरावगी ने उसके सगे भाई से भी बढ़कर अभाव में मदद के लिए अपने हाथ आगे बढ़ाए। इन बहनों में ऐसी बहनें भी थी, जिनके सिर पर पिता का साया नहीं था या जिन्हें जीविकोपार्जन के लिए खून पसीना बहाना पड़ रहा था। बताते चले कि इन बहनों को डॉक्टर संदीप सरावगी ने बड़े भाई बनकर आगे आकर मदद का हाथ बढ़ाकर छतरी बनने का काम किया। क्या छोटी, क्या मासूम और क्या विवाहित, सभी बहने डॉक्टर संदीप सरावगी की कलाई पर राखी बांधने के लिए लालायित दिखीं। रक्षाबंधन के पर्व पर परंपरा के अनुसार सभी ने डॉक्टर संदीप के ललाट पर तिलक कर उनकी प्रगति तथा उनके दीर्घायु होने की कामना करते हुए रक्षा का वचन लिया। वही डॉक्टर संदीप ने अपनी बहनों के सिर पर हाथ रखकर उन्हें उपहार भी भेंट किये। इस अवसर पर डॉ. संदीप सरावगी की धर्मपत्नी श्रीमती सपना सरावगी भी मौजूद रही। डॉ. संदीप ने बहनों को उपहार वितरित करते हुए कहा कि यह रक्षाबंधन का पर्व ईश्वर के बनाये हुए रिश्तों में सबसे ज्यादा पवित्र माना जाता है। भाई बहन का अटूट प्यार इस संसार में निराला है। इस प्रेम के आगे दुनिया की कोई भी बड़ी से बड़ी ताकत न तो किसी भाई के सिर पर मुसीबत ला सकती है और न ही बहन के, क्योंकि मुसीबत के दौर में भाई-बहन एक दूसरे के लिए रक्षा कवच बनाकर एक दूसरे के सामने खड़े होते हैं। उन्होंने सभी से अपील की कि इस रक्षाबंधन के पर्व पर अपनी बहनों को दिए गए वचन को अपने प्राण त्याग कर भी निभाएं। स्वार्थ से भरे इस युग में केवल एक ही रिश्ता बचा है, जिसमें कोई स्वार्थ नहीं है। इसमें निस्वार्थ भाव है। प्रेम है। भावनाएं हैं और एक दूसरे पर सब कुछ न्योछावर कर देने का जज्बा है। इस अवसर पर मुख्य रूप से प्रियंका साहू , छाया, संजना, कौशल्या, मोहम्मद इंदिरा, नेहा, शबाना शेख ,लक्ष्मी, कौशल्या, इंदु,नेहा साहू, अनीता, संगीता,रानू,अंजुम,समा,रेशमा,आकाश, मीना मसीह,सुमन वर्मा,नेहा चौबे,कुसुम साहू हाजरारब बीके रितु,नेहा बघेल सहित सैंकड़ों की संख्या में बहने मौजूद रहीं।
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