तीर्थराज गया जी में निभाया गया मानवता का धर्म, प्रतिनिधि मंडल की झांसी वापसी

झांसी : जिला जनकल्याण महासमिति एवं रानी झांसी फाउंडेशन के तत्वावधान में अज्ञात, लावारिस एवं अनाथ दिवंगत आत्माओं की शांति और मोक्ष हेतु तीर्थराज गया जी (बिहार) में आयोजित पिंडदान एवं श्राद्ध अनुष्ठान सम्पन्न करने के बाद संस्था का प्रतिनिधि मंडल गुरुवार को झांसी लौटा।झांसी रेलवे स्टेशन के बाहर पर सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु, सामाजिक संगठन और नागरिक एकत्र हुए और प्रतिनिधि मंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया। इस अवसर पर पुष्पवर्षा, माल्यार्पण और जयघोष से वातावरण गूंज उठा। उपस्थित लोगों ने कहा कि यह कार्य न केवल धार्मिक दृष्टि से महान है, बल्कि मानवता और करुणा का अनुपम उदाहरण भी है।केंद्रीय अध्यक्ष डॉ. जितेन्द्र कुमार तिवारी के नेतृत्व में गया जी में वैदिक मंत्रोच्चारण और ब्राह्मणों की अगुवाई में शास्त्रोक्त विधि से पिंडदान व श्राद्ध किया गया। गरुड़ पुराण और अन्य धर्मग्रंथों में उल्लेख है कि अज्ञात और लावारिस आत्माओं के पिंडदान से करोड़ों यज्ञों के बराबर पुण्यफल प्राप्त होता है।
स्टेशन पर उपस्थित लोगों ने भावुकता व्यक्त करते हुए कहा कि— "जिन आत्माओं का कोई अपना नहीं रहा, उनके लिए पिंडदान कराना समाज की ओर से निभाया गया अद्वितीय कर्तव्य है। डॉ. जितेन्द्र तिवारी का यह संकल्प पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा।”डॉ. तिवारी ने भी उपस्थित जनसमूह का आभार जताते हुए कहा—“यह केवल मेरा व्यक्तिगत कार्य नहीं, बल्कि समाज का सामूहिक दायित्व है। पितरों की पूजा देवताओं की पूजा के समान मानी गई है। यदि हम उन आत्माओं को मोक्ष दिला पाए जिनका कोई अपना नहीं, तो यही मानवता और सनातन धर्म की सच्ची सेवा है।”प्रतिनिधि मंडल में मुख्य रूप से अनिरुद्ध कुमार शर्मा, मोहक शर्मा, प्रभात यादव, राजेन्द्र शर्मा और पारस शर्मा साथ रहे।
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