पठाकरका में ग्रामीपर्यटन को नई पहचान: सरिता जी ने ग्रामीण होमस्टे, तुलसी की खेती व ग्राम विकास मॉडल का किया विस्तृत निरीक्षण-
झांसी - उत्तर प्रदेश ग्रामीण पर्यटन परियोजना के अंतर्गत चयनित ग्राम पठाकरका में 30.11.2025 को पर्यटन संवर्धन को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम दर्ज किया गया। लखनऊ से आईं प्रसिद्ध न्यूज़ एंकर सरिता जी ने आदर्श सेवा समिति द्वारा आयोजित विशेष निरीक्षण कार्यक्रम में भाग लेते हुए गाँव का गहन भ्रमण किया। इस दौरान उन्होंने ग्राम विकास मॉडल, तुलसी की खेती, ग्रामीण संसाधनों, स्थानीय बुन्देलखंडी व्यंजनों और विशेष रूप से चयनित होमस्टे (मालिक—धीरेंद्र सोनी) का विस्तृत सर्वे किया।
गाँव में पहुंचते ही मिला ग्रामीण संस्कृति का जीवंत स्वागत पठाकरका गांव में प्रवेश करते ही सरिता जी का पारंपरिक ग्रामीण स्वागत किया गया। गाँव के चौपाल से लेकर खेतों तक, उन्हें स्थानीय लोगों ने क्षेत्र की प्रमुख विशेषताओं से अवगत कराया। ग्रामीणों ने अपनी समस्याएँ, आकांक्षाएँ और पर्यटन से जुड़ी उम्मीदें भी उनके सामने रखीं। तुलसी की उन्नत खेती का निरीक्षण किसानों से हुई तकनीकी चर्चा सरिता जी ने सबसे पहले गाँव के उस क्षेत्र का दौरा किया जहाँ तुलसी की उन्नत खेती की जाती है। उन्होंने खेती की तकनीक, मिट्टी की गुणवत्ता, जैविक तरीकों और तुलसी के औषधीय महत्व के बारे में किसानों से जानकारी ली।
किसानों ने बताया कि तुलसी की खेती से उन्हें अतिरिक्त आय प्राप्त होती है और पर्यटन बढ़ने पर इसका बाज़ार और अधिक विस्तृत हो सकता है। सरिता जी ने कहा तुलसी की यह खेती न केवल आय का स्रोत है, बल्कि यह गाँव की पहचान को भी राष्ट्रीय स्तर पर मजबूत कर सकती है। होमस्टे निरीक्षण- धीरेंद्र सोनी का घर चयनित निरीक्षण के दौरान सबसे महत्वपूर्ण पड़ाव रहा। ग्रामीण पर्यटन परियोजना के तहत चयनित इस होमस्टे में सरिता जी ने कमरों की व्यवस्था, स्वच्छता, ग्रामीण वातावरण, पर्यटक सुविधाएँ, सुरक्षा प्रबंधन, भोजन व्यवस्था, परिवहन व पहुंच मार्ग का विस्तार से जायजा लिया। उन्होंने होमस्टे में नाइट स्टे (Night Stay) व्यवस्था को और आकर्षक बनाने के लिए कुछ महत्त्वपूर्ण सुझाव दिए जैसे ग्रामीण कला-संस्कृति को दर्शाने वाले पोस्टर, सजावट कमरे में बेहतर रोशनी, वेंटिलेशन, पर्यटकों को स्थानीय व्यंजन परोसने की व्यवस्था, होमस्टे परिसर में पेड़-पौधे और स्वच्छता पर विशेष ध्यान स्वच्छ पेयजल और प्राइमरी मेडिकल किट की उपलब्धता, उन्होंने कहा यदि ग्रामीण आतिथ्य और आधुनिक सुविधाओं का सही संतुलन बनाया जाए तो पठाकरका जल्द ही एक प्रमुख ग्रामीण पर्यटन स्थल बन सकता है। परियोजना टीम की विशेष उपस्थिति निरीक्षण कार्यक्रम के दौरान पर्यटन परियोजना से जुड़े अधिकारी भी उपस्थित रहे- होमस्टे मालिक- धीरेंद्र सोनी, ग्राम समन्वयक-पवन पस्तोर, जिला समन्वयक झांसी- आशीष कुमार इन सभी द्वारा सरिता जी को गाँव की प्रगति, पूर्व उपलब्धियों और भविष्य की योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। समन्वयकों ने बताया कि ग्राम पठाकरका को ग्रामीण पर्यटन मॉडल के रूप में विकसित करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
ग्राम विकास तथा पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तृत चर्चा-
कार्यक्रम के दौरान सरिता जी ने गाँव के युवा समूहों, महिलाओं के स्वयं सहायता समूहों और किसानों से भी बातचीत की।
उन्होंने ग्रामीण रोजगार, हस्तशिल्प, कृषि-आधारित पर्यटन, सांस्कृतिक कार्यक्रमों और स्थानीय उत्पादों के बाज़ार विस्तार पर विशेष सुझाव दिए। सरिता जी ने कहा पठाकरका में प्राकृतिक सुंदरता,आध्यात्मिक परिवेश और मेहनती लोग हैं। अगर यह सब एक मंच पर आए तो गाँव उत्तर प्रदेश के ग्रामीण पर्यटन मानचित्र में चमक सकता है। आदर्श सेवा समिति और पर्यटन विभाग के अनुसार, इस निरीक्षण रिपोर्ट को उत्तर प्रदेश पर्यटन विभाग के मुख्य पोर्टल, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, न्यूज़ चैनलों और डिजिटल मीडिया पर प्रदर्शित किया जाएगा। इससे गाँव की लोकप्रियता बढ़ेगी और पर्यटकों के लिए सुविधा बुकिंग भी आसान होगी। गाँव में खुशी और उम्मीद का माहौल गाँव है लोगों ने इस दौरे को ऐतिहासिक और प्रेरणादायक बताया। ग्रामीणों का कहना है कि पर्यटन के बढ़ने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे युवा अपनी प्रतिभा गाँव में ही उपयोग कर सकेंगे स्थानीय उत्पादों की बिक्री बढ़ेगी गाँव में विकास कार्यों की गति तेज होगी सरिता जी का यह दौरा न केवल निरीक्षण भर रहा, बल्कि यह ग्रामीण विकास, पर्यटन संवर्धन और सामाजिक उत्थान की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है। गाँव पठाकरका के लिए यह दिन आने वाले समय में एक बड़े परिवर्तन की शुरुआत साबित हो सकता है।
संवाददाता - धीरेन्द्र सोनी
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