धर्म हमें जीवन के सांसारिक भोगों से विरक्त होकर देता मोक्ष मार्ग पर बढ़ने की प्रेरणा- प्रसन्नसागर महाराज

झांसी: धर्म हमें जीवन के सांसारिक भोगो से विरक्त होकर मोक्ष मार्ग पर अग्रसर होने की प्रेरणा देता है, धर्म आधारित जीवन की प्रथम सीढी सत्य, अहिंसा का पालन करना एवं मोह,माया, कषाय, लोभ और पाप का त्याग करना है, शुचितापूर्ण जीवन पद्वति ही हमें सुख शांति एवं समृद्वि प्रदान करती है।
उक्त मंगल शुभाशीष राष्ट्रसंत 108 प्रसन्नसागर महाराज ने सुप्राचीन तीर्थ करगुवां जी में अपने भक्तो को दिया।
आचार्य प्रसन्न सागर ने कहा कि भौतिक चकाचौंध से हमारी युवा पीढी में नैतिक अवमूल्यन बढ रहा है।
ऐसे में माता-पिता की जिम्मेवारी है कि बच्चो को उच्च कोटि के संस्कारो से सृजित करें। इसके पूर्व आचार्य संघ ने मैडीकल कालेज के सामने पहाडी पर स्थित श्री करूणास्थली के दर्शन किये।
झाँसी जैन पंचायत समिति के महामंत्री कमल जैन ने बताया कि आचार्य प्रसन्न सागर जी ने लगातार 557 दिन मौन धारण करते हुये कठोर साधना की, उन्ही की मंगल प्रेरणा से चिरूला में संतो के प्रवास हेतु संतशाला का निर्माण हुआ।
इस अवसर पर पंचायत वरिष्ठ उपाध्यक्ष सुभाष चन्द्र जैन(बिजली वाले), कोषाध्यक्ष जितेन्द्र चौधरी करगुवां मंत्री शिरोमणि जैन, निर्माण मंत्री करगुवां भागचन्द्र जैन, वरूण जैन विट्टू , अशोक जैनिथ, विजय जैन (पचकुइयां), दिनेश जैन दिशा, डा.अभय जैन, कुलदीप जैन इत्यादि उपस्थित रहें।
सभा का संचालन पंचायत महामंत्री कमल जैन ने किया।
रिपोर्टर अंकित साहू
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