डॉ० संदीप ने बाल्मीकि समाज सामूहिक विवाह में 13 नवदंपतियों को दिया सुखमय जीवन का आशीर्वाद

झाँसी। बाल्मीकि समाज सेवा समिति के तत्वाधान में बाल्मीकि समाज की कन्याओं का 7वां सामूहिक विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह आयोजन झांँसी दुर्ग के समीप महाराजा गंगाधर राव कला मंच पर संपन्न हुआ। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जनपद के प्रतिष्ठित समाजसेवी डॉ० संदीप सरावगी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रारंभ नगर निगम स्थित महर्षि बाल्मीकि मंदिर में पूजन के साथ प्रारंभ हुआ तत्पश्चात डॉ संदीप द्वारा हरी झंडी दिखाने के बाद सभी बारातें गंतव्य की ओर अग्रसर हुई ढोल नगाड़ों के साथ नृत्य करते हुए बारातें इलाइट चौराहे से जीवन शाह होते हुए मुक्ता काशी मंच (महाराजा गंगाधर राव कला मंच) पर पहुंची। जहां आयोजन समिति द्वारा मुख्य अतिथि डॉ० संदीप का 50 किलो की माला पहनाकर एवं गौतम बुद्ध की प्रतिमा भेंट कर भव्य स्वागत किया गया। अन्य अतिथियों के रूप में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रदीप जैन आदित्य, पूर्व विधायक बृजेंद्र व्यास, राहुल रिछारिया, दिनेश चंद्र, बलवान यादव, अरविंद कुमार, कुनाल नेता, नंदन महाराज, अशोक प्याल उपस्थित रहे। अतिथियों के स्वागत कार्यक्रम के पश्चात मंच पर सभी 13 नवदंपतियों ने एक दूसरे को वरमाला पहनाकर आजीवन साथ निभाने की कसमें खाई। संपूर्ण रीति रिवाज एवं मंत्र उच्चारण के साथ विवाह संपन्न कराया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डॉक्टर संदीप ने सभी जोड़ों को 65 लाख रुपये का जीवन बीमा और उपहार देकर सुखमय जीवन का आशीर्वाद दिया, वहीं बाल्मीकि समाज सेवा समिति द्वारा इस उत्कृष्ट कार्य के लिए समिति के सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों की भूरी भूरी प्रशंसा की। संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक डॉ० संदीप ने कार्यक्रम में सम्मिलित हुए सभी अतिथियों और आगंतुकों को संबोधित करते हुए कहा हम विगत कई वर्षों से संघर्ष सेवा समिति के माध्यम से समाजसेवा का कार्य कर रहे हैं। एक सच्चा समाजसेवी कभी अपने कार्य में धर्म, जाति, उच-नीच को आड़े नहीं आने देता। पूर्व में भी हम 34 बाल्मीकि कन्याओं के पैर पखारकर विदा कर चुके हैं। जिसकी चर्चाएं दूर-दूर तक पहुंची हमारे समाज में आज भी जाति प्रथा जैसी कुरीतियां व्याप्त हैं जिस कारण लोग एक दूसरे से मिलना जुलना और उनके घर आना जाना पसंद नहीं करते। हम अपनी सामाजिक संस्था के माध्यम से जात-पात जैसी प्रथा को भी समाप्त करने का प्रयास कर रहे हैं। मेरा मानना है कि बाल्मीकि समाज योद्धाओं का समाज था जिन्होंने आक्रमणकारियों की यातनायें सहना स्वीकार किया लेकिन अपने धर्म को नहीं त्यागा। हर सनातनी को यह जानना होगा कि बाल्मीकि समाज ने हमारे धर्म को बचाने के लिए कितना संघर्ष किया है। बाल्मीकि समाज सेवा समिति विगत कई वर्षों से समाज के लिए उत्कृष्ट कार्य कर रही है इस समिति के सभी पदाधिकारी का मैं हृदय से आभार व्यक्त करता हूं जो हर वर्ष इस प्रकार के भव्य कार्यक्रमों का आयोजन करते रहते हैं। मैं आप सभी को आश्वासन देना चाहता हूं जब भी आपको कोई कष्ट हो तो हमारे कार्यालय आकर अवश्य संपर्क करें हम अपनी सेवा समिति के माध्यम से यथासंभव समाधान करने का प्रयास करेंगे। सामूहिक विवाह कार्यक्रम में स्त्रीधन के रूप में मोटरसाइकिल, अलमारी, डबल बेड इत्यादि घरेलू सामान वितरित किये गये। सामूहिक विवाह कार्यक्रम के सफल आयोजन में मुख्य संस्थापक रमेश चंद्र महर्षि, कार्यक्रम अध्यक्ष प्रशांत सिगोते, कोषाध्यक्ष विमल महरौलिया, महामंत्री दीपक चावरे, संरक्षक गुरु प्रसाद एवं कल्लू भारती, वरिष्ठ उपाध्यक्ष सरमन महंत, महाराज सिंह और इंद्रजीत, उपाध्यक्ष शेखर नलवंशी, राहुल चंडारिया, अमित नरवारे, सहउपाध्यक्ष हीरव सिंह, अरुण भारती, सिकंदर चंडारिया, महासचिव सागर नरवारे, अरविंद हंसारी, सह कोषाध्यक्ष सचिन कागरे, आय व्यय निरीक्षक अरविंद चंदोरिया, सचिव नरेंद्र चौटले, शशिकांत सिगोते, मंत्री दयाशंकर और शिवकुमार महर्षि, संगठन मंत्री रंजीत कंजोसिया एवं आदित्य कंजेरिया, मीडिया प्रभारी आकाश चंडारिया एवं विशाल सिहोते, प्रचार मंत्री सौरभ चंडारिया, गौरव चंडारिया, नेतराम एवं निहाल पवार, विशेष सलाहकार एडवोकेट पी.के. श्रीवास्तव, ओरछा प्रभारी राजू बग्गन, मऊरानीपुर प्रभारी सोम कुमार, निवाड़ी प्रभारी साधुराम भारती, शिवपुरी प्रभारी राजेश गेंचर, टीकमगढ़ प्रभारी मिथुन मैवाती, नौगांव प्रभारी मिथुन चंडारिया के साथ सदस्य के रूप में सुशील महर्षि, राजू नरवारे, हर्षित, अंकित करोसिया, कुणाल करोसिया, रोहन नरवारे, अनुज, कपिल, युवराज गौहर, सुमित एवं विशेष रूप से मुख्य संयोजक अनिल बाल्मीकि की प्रमुख भूमिका रही।

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