मन और ह्रदय परमात्मा में लग जाने पर होती परम आनंद की प्राप्ति

झांसी। एवट मार्केट में कंबल मिल के निकट एक विवाह घर में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।श्री हृदय बिहारी आश्रम वृंदावन धाम मथुरा से पधारी कथा व्यास आचार्य महंत श्री गुरु दीदी महाराज द्वारा कथा के छठवें दिन रुक्मणी विवाह महारास, कंस वध , आदि विभिन्न लीलाओं का बखान किया गया। कथा व्यास ने कहा कि ऐशो आराम से रहने, बहुत सम्पत्ति से , बहुत स्वादिष्ट भोजन करने से जो आनन्द प्राप्त नहीं होता है वह आनन्द प्रभु की साधना में लीन होने पर मिल जाता है। जिस दिन आप का मन ,आपका ह्रदय परमात्मा में लग जाएगा आपको परम आनंद की प्राप्ति हो जाती है। उन्होंने कहा कि हर परिवार में बच्चों को प्रतिदिन रामायण का एक अध्याय अवश्य पढ़ना चाहिए। जिससे उनका चारित्रिक पतन नहीं होता है और बच्चे संस्कारवान होंगे।जैसा भाव होगा वैसा ही आचरण हो जाता है। जैसे गृहणी गुस्से में भोजन बनाये तो उसमें वह स्वाद नहीं आता है,जो प्रसन्न चित्त होकर बनाए गए भोजन में आता है। इस लिए हर कार्य प्रसन्न चित्त होकर करना चाहिए और किसी भी विपत्ति में परेशान न होकर सबकुछ ईश्वर पर छोड़ देना चाहिए।मुख्य पात्र भाग्य सिंह परिहार , चेष्टा सिंह परिहार आदि बच्चों ने लीला में पात्रों का मंचन कर उपस्थित जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया।शाम पांच बजे से देर रात्रि तक धार्मिक गीतों की मधुर धुनों पर श्रोता भक्ति भाव में गोते लगाते हुए नाचते गाते रहे।मुख्य परीक्षित श्रीमती प्रीतेश रवि प्रकाश परिहार,श्रीमती आरती प्रंकेश परिहार ने श्री मद्भागवत की आरती की। वृंदावन से पधारे महंत रघुनाथ दास जी महाराज, महाराज श्यामाचंद्र महाराज , रामदास जी महाराज आदि संतो ने भक्तों को आशीर्वाद प्रदान किया। इस अवसर पर आयोजक श्रीमती ममता चौरसिया, संजीव त्रिपाठी ,सुशीला राय, लक्ष्मी देवी, रविन्द्र कुमार, एड राजेश चौरसिया,हनुमंत सिंह, वृंदावन लाल एवं समस्त सनातन भक्त मंडल भारी संख्या में श्रोता उपस्थित रहे। सोमवार को श्रीमद् भागवत कथा के समापन उपरांत हवन-यज्ञ, भंडारे का आयोजन किया जाएगा।

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