आपातकाल पर आधारित सूचना विभाग की प्रदर्शनी का आयोजन विकास भवन में सम्पन्न

झाँसी: आपातकाल के काले अध्याय की 50वीं बरसी पर भारतीय लोकतंत्र का काला अध्याय तथा "अनैतिक संशोधन से संविधान पर हमला" पर आधारित चित्र प्रदर्शनी का आयोजन सूचना एवं जनसम्पर्क विभाग द्वारा विकास भवन में किया गया। इस प्रदर्शनी में कुल 50 चित्र किट्स का प्रदर्शन किया गया, जिसमें आपातकाल को देश के इतिहास के लिए एक काला अध्याय बताया गया हैं। इस अवसर पर उपस्थित 21 लोकतन्त्र सेनानियों को शाॅल, पुष्पगुच्छ देकर सम्मानित किया गया। लोकतन्त्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान जेल में बंद समय के अनुभव साझा किये।
पूर्व शिक्षा राज्य मंत्री डॉ रवीन्द्र शुक्ल ने अपने सम्बोधन में कहा कि सरकार की प्रतिज्ञा-लोकतंत्र को मजबूत करने का संकल्प हैं। सरकार संविधान के मूल्यों को और मजबूत करने और विकसित भारत का सपना साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि देशवासी आपातकाल की विभीषिका को कभी नहीं भूल सकते और लोकतंत्र की रक्षा के लिए हमेशा सजग रहेंगे।उन्होने बताया कि आज ही के दिन 25 जून, 1975 को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने आपातकाल की घोषणा की थी। चित्र प्रदर्शनी में “गृह मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार” मई 1976 में करीब 7000 पत्रकारों और मीडिया कर्मियों को गिरफ्तार किया गया। उपस्थित लोकतन्त्र सेनानियों ने आपातकाल के दौरान जेल में बंद समय के संस्मरण साझा किये। 
आपातकाल दिवस चित्र प्रदर्शनी आयोजन के अवसर पर लोकतंत्र सेनानी डाॅ0 रवीन्द्र शुक्ल,  गिरीश चन्द्र सक्सेना, बीरन कुमार साहू, बांके बिहारी श्रीवास्तव, रामेश्वर प्रसाद, राजेन्द्र प्रसाद कुशवाहा, श्रीमती द्रोपती पटसारिया के प्रतिनिधि देवेन्द्र पटसारिया, शिवाजी गुप्ता, रामकली लक्षकार, जगदीश प्रसाद, कांशीराम कुशवाहा, हरीमोहन गुप्ता, नरेश कुमार सोनी, श्यामसुन्दर कौशल, घासीराम, जगदीश प्रसाद द्विवेदी, श्रीराम हुण्डैत, ओमप्रकाश शर्मा, श्री रामसेवक अड़जरिया, बाबूलाल श्रीवास्तव के साथ ही अपर जिलाधिकारी प्रशासन शिव प्रताप शुक्ल, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार, सहायक निदेशक सूचना सुरजीत सिंह सहित लोकतन्त्र सेनानियों के परिवारीजन मौजूद रहे।
 
रिपोर्टर अंकित साहू

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