आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह सम्पन्न

झांसी। आज भारतीय जनता पार्टी द्वारा आयोजित आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर एक भव्य लोकतंत्र सेनानी सम्मान समारोह का आयोजन झांसी में किया गया, जिसमें झांसी जिले के 25 लोकतंत्र सेनानियों को सम्मानित कर उनके साहसिक संघर्षों को नमन किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप पटेल एवं महानगर अध्यक्ष  हेमंत परिहार ने संयुक्त रूप से की। मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय मंत्री बी एल वर्मा रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश मंत्री भाजपा रहीं 
मंचासीन रहे प्रमुख अतिथिगण झांसी ललितपुर सासंद अनुराग शर्मा,विधायक सदर रवि शर्मा,महापौर  बिहारी लाल आर्य,विधायक गरौठा जवाहरलाल राजपूत,विधान परिषद सदस्य  रामतीरथ सिंहल,जिला पंचायत अध्यक्ष पवन गौतम,विधान परिषद सदस्य  बाबूलाल तिवारी,विधान परिषद सदस्य  रमा निरंजन,प्रदेश कार्यसमिति सदस्य एवं पूर्व जिलाध्यक्ष अरिदमन सिंह,क्षेत्रीय उपाध्यक्ष अशोक राजपूत,पूर्व जिलाध्यक्ष एवं कोऑपरेटिव बैंक अध्यक्ष  जयदेव पुरोहित,पूर्व मंत्री रविंद शुक्ला,पूर्व जिलाध्यक्ष  संजय दुबे के साथ साथ भाजपा के वरिष्ठ नेताओं, जनप्रतिनिधियों, पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं के साथ-साथ लोकतंत्र सेनानियों और उनके परिजनों ने भारी संख्या में भाग लिया
भाजपा कार्यालय  पर आपातकाल (1975–77) की घटनाओं पर आधारित एक ऐतिहासिक प्रदर्शनी लगाई गई, जिसमें उस समय की प्रेस क्लिपिंग्स, प्रतिबंधित आलेख, नेताओं की गिरफ्तारी से जुड़े दस्तावेज़, और संघर्ष की दुर्लभ तस्वीरें प्रस्तुत की गईं।
प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रमुख अतिथियों द्वारा किया गया और उन्होंने इसका गहन अवलोकन किया।
प्रदर्शनी के उपरांत एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा, प्रदेश मंत्री अनीता मिश्रा, जिलाध्यक्ष, महानगर अध्यक्ष सहित प्रमुख वक्ताओं ने प्रेस से संवाद किया।
उन्होंने आपातकाल की क्रूरता, लोकतंत्र सेनानियों के योगदान और संविधान की रक्षा को लेकर भाजपा की प्रतिबद्धता पर विचार साझा किए।
 मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री बी.एल. वर्मा ने  संबोधन सभी को संबोधित करते हुए कहा
आपातकाल भारत के लोकतंत्र पर लगाया गया सबसे बड़ा घाव था।
25 जून 1975 को इंदिरा गांधी ने सत्ता बचाने के लिए पूरे देश को बंदी बना लिया।
यह न राष्ट्रीय आपात था, न कोई बाहरी हमला — यह सत्ता का नशा था।
 
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उनके चुनाव को अवैध करार दिया, तो उन्हें इस्तीफा देना था, लेकिन उन्होंने लोकतंत्र को ही खत्म कर दिया।
देशभर में 1.40 लाख से ज्यादा नेताओं और कार्यकर्ताओं को जेल में ठूंस दिया गया, जिसमें लोकनायक जयप्रकाश नारायण, अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी जैसे नेता शामिल थे।
 
उन्होंने कहा,
“62 लाख से ज्यादा जबरन नसबंदी, प्रेस पर पूर्ण सेंसरशिप, अदालतें मौन और संसद केवल दर्शक बनकर रह गई थी।
किशोर कुमार जैसे गायक को रेडियो से बैन कर दिया गया, क्योंकि उन्होंने कांग्रेस के प्रचार से मना कर दिया था।
यह तानाशाही का ऐसा रूप था, जिसे आज भी लोकतंत्र प्रेमी याद करके सिहर उठते हैं।”
 
बीएल वर्मा ने भावुक होकर कहा,
“जिस संविधान को बाबा साहब अंबेडकर ने देश को आत्मा मानकर सौंपा था, उसकी हत्या कांग्रेस ने की।
 
उन्होंने नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए कहा,
“आज प्रधानमंत्री मोदी संविधान को सिर पर रखकर काम करते हैं।
संविधान उनके लिए नारा नहीं, साधना है।
‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ — यह भाजपा का संविधान के प्रति निष्ठा का प्रमाण है।
आज भाजपा के हर कार्यकर्ता का धर्म है कि वह लोकतंत्र को जन-जन तक पहुंचाए।”
 
अंत में उन्होंने लोकतंत्र सेनानियों को प्रणाम करते हुए कहा:
“आपने यातनाएं सही, जेलों में दिन-रात बिताए, लेकिन लोकतंत्र की लौ बुझने नहीं दी।
यह आयोजन आपके चरणों में श्रद्धांजलि है — और लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प भी।”
प्रदेश मंत्री भाजपा श्रीमती अनीता मिश्रा ने अपने वक्तव्य मैं  कहा कि  “आज जो विपक्ष संविधान की किताब लहराता है, वही कभी उसे चुपचाप जेब में रखकर तानाशाही का तांडव कर चुका है।
आपातकाल में बोलने की, लिखने की, सोचने की आज़ादी छीन ली गई।
प्रधानमंत्री मोदी संविधान को केवल लहराते नहीं, सिर झुकाकर मानते हैं।
हमें 29 जून को हर बूथ तक जाना है और जनता को बताना है कि कांग्रेस ने देश को बंदी बनाया था, भाजपा ने आज़ाद रखा है।”
वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी वीरेंद्र साहू ने जो उनके साथ घटित हुई है उसको स्मरण करते हुए कहा कहा:
 
“झांसी जेल में 114 लोकतंत्र सेनानी बंद थे, जिनमें से 15 ललितपुर के और 99 झांसी के थे।
चरखे में बैल की जगह आदमी जोते जाते थे, पीने का पानी खींचने के लिए।
 
यह स्वतंत्र भारत में तानाशाही की पराकाष्ठा थी।
 भाजपा जिलाध्यक्ष प्रदीप पटेल ने अपने वक्तव्य मैं  कहा कि “विपक्ष कहता है कि संविधान बदला जाएगा, जबकि सच्चाई यह है कि कांग्रेस ने अब तक 75 बार संविधान संशोधन कर सत्ता को मजबूत करने का काम किया।
 
हमने जब भी संशोधन किया, वह राष्ट्रहित और लोककल्याण के लिए था।
यह आयोजन आने वाली पीढ़ी को यह सिखाने का माध्यम है कि लोकतंत्र संघर्ष से मिलता है, समझौते से नहीं।”
कार्यक्रम का संयुक्त संचालन भाजपा जिला उपाध्यक्ष श्री शैलेंद्र प्रताप सिंह एवं जिला मंत्री श्री सत्येंद्र खरे ने किया।
 
कार्यक्रम मैं  सम्मानित वरिष्ठ लोकतंत्र सेनानी पूर्व मंत्री डॉ. रविंद्र शुक्ला ,वरिष्ठ पत्रकार श्री रामसेवक अड़जरिया,गिरीश सक्सेना,घासीराम, सोबरन सिंह, वीरेंद्र साहू, बांके बिहारी श्रीवास्तव (92 वर्षीय, सबसे वरिष्ठ सेनानी)
 
प्रमुख रूप से उपस्थित मोहन सिंह यादव , जिला महामंत्री  छत्रपाल राजपूत,जिला मीडिया प्रभारी  सहजेंद्र सिंह बघेल,जिला सह मीडिया प्रभारी सौरभ मिश्रा,चित्रा सिंह ,गोकुल दुबे,दिनेश सिंह परिहार,गिरिजा प्रसाद,करुणेश बाजपेई,अपर्णा द्विवेदी,गुड्डी रानी पटेल ,अभिषेक जैन ,कपिल बरसेनिया,बालमुकुंद अग्रवाल ,राजेंद्र गुप्ता चेलरा,अनुज नीखरा, कृष्णचंद्र तिवारी,मनमोहन गैंडा,राम जी परिहार,हेमंत ख़ंताल,दिलीप पूरी, भूपेंद्र आर्य,नीलम सक्रिया,दिग्विजय सिंह ,कमलेश परिहार,आदि उपस्थित रहे।

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