पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु निवेश आकर्षित करने के लिए पर्यटन नीति लागू

झांसी: क्षेत्रीय पर्यटक अधिकारी डी०के० शर्मा ने अवगत कराया है कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने हेतु निवेश आकर्षित करने के लिए पयर्टन विभाग द्वारा पर्यटन नीति-2022 लागू की गई है। इसमें पर्यटन उद्योग के विभिन्न क्षेत्रों में इकाईयों की स्थापना करने पर विभिन्न सुविधाएं एवं छूट अनुमन्य की गयी हैं। प्रदेश में अधिकाधिक निवेश होने पर पर्यटन से जुड़े उद्योग एवं अन्य व्यवसायों को भी लाभ प्राप्त होगा तथा रोजगार के अधिक अवसर प्राप्त हो सकेगें। इस नीति देश की वन ट्रिलियन अर्थव्यवस्था लाभ में विशेष भूमिका होगी, जो सरकार की शीर्ष प्राथमिक्ताओं में एक है।
उन्होने बताया कि पर्यटन विभाग द्वारा राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए निवेश को प्रोत्साहित करने हेतु पर्यटन नीति 2022 लागू की गई है। इस नीति का उद्देश्य राज्य को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय पर्यटन मानचित्र पर अग्रणी स्थान दिलाना, रोजगार के अवसर उत्पन्न करना तथा निजी क्षेत्र की भागीदारी सुनिश्चित करना है।
 
पर्यटन नीति 2022 के प्रमुख लाभ
 
निजी निवेशकों को आकर्षित करने हेतु विशेष प्रोत्साहन एवं रियायतें, स्टाम्प डूयटी में 100 प्रतिशत की छूट (लीजध्ट्रान्सफरध्खरीद), लैण्ड परिवर्तन एवं विकास शुल्क में छूट, युवाओं के लिए रोजगार एवं कौशल विकास के नए अवसर। सांस्कृतिक, धार्मिक एवं इको टूरिज्म को बढ़ावा। राज्य की आर्थिक वृद्धि में पर्यटन क्षेत्र का योगदान, उपलब्ध सब्सिडी एवं प्रोत्साहन, पूंजीगत सब्सिडी-होटल, रिसॉर्ट, होमस्टे एवं अन्य पर्यटन इकाइयों की स्थापना पर 25 प्रतिशत पूंजीगत सब्सिडी, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति एवं महिला उद्यमियों हेतु 30 प्रतिशत तक की विशेष पूंजीगत सब्सिडी। ब्याज सब्सिडी की दर-पात्र पर्यटन इकाईयां अधिकतम पांच साल की अवधि के लिए प्रति वर्ष ऋण राशि के 5 प्रतिशत की दर से ब्याज सब्सिडी के आवेदन कर सकती है। अधिकतम ऋण राशि-यह सब्सिडी रू 5 करोड़ (पांच करोड़ रूपये) तक की बैंक ऋण राशि पर देय होगी। किसी भी पात्र इकाई के लिए अधिकतम ब्याज सब्सिडी की राशि रू 25 लाख (पच्चीस लाख रूपये) तक सीमित होगी। पर्यटन नीति 2022 के अंतर्गत स्थापित होने वाली इकाईयां में बजट होटल, होटल, रिसॉर्ट एवं वेलनेस सेन्टर। एडवेंचर टूरिज्म एवं वॉटर स्पोर्ट्स, रूरल होमस्ट, होम स्टे एवं हैरिटेज होमस्टे, धार्मिक, सांस्कृतिक एवं विरासत पर्यटन केंद्र, इको-टूरिज्म पार्क एवं नेचर कैम्प, टुअर आपरेटर/ट्रेवलिंग एजेन्सी एवं अन्य पर्यटन इकाईयां आदि सम्मिलित हैं।
 
रिपोर्ट अंकित साहू

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