फसलों की अन्ना जानवरों से सुरक्षा हेतु सरकार ने प्रारंभ की सोलर फेंसिंग योजना,80 प्रतिशत तक मिलेगा अनुदान

झांसी : उप कृषि निदेशक एम0पी0 सिंह ने बताया कि जनपद के किसानों को अन्ना जानवरों, जंगली एवं निराश्रित पशुओं से खेत की सुरक्षा एवं कृषकों के नुकसान को ध्यान में रखते हुये उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा "बुन्देलखण्ड एकीकृत विकास योजना" (सोलर फेन्सिग योजना) का शुभारंभ किया गया है, जिसके द्वारा कृषक भाई समूहों का गठन कर एवं कृषक उत्पादक संगठन के द्वारा न्यूनतम 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल के क्लस्टर बनाकर इस योजना का संचालन किया जायेगा। उन्होंने बताया कि सोलर फेन्सिग योजना में तीन मॉडल उपलब्ध है, जिसमें कृषक क्लस्टर (न्यूनतम 10 हेक्ट. क्षेत्रफल) बना कर सम्बन्धित उप सम्भागीय कृषि अधिकारी कार्यालय से सम्पर्क कर 80 प्रतिशत अनुदान पर इस योजना का लाभ उठा सकते है, इसके साथ ही कुल लक्ष्य के सापेक्ष 25 प्रतिशत लक्ष्य में कृषक उत्पादक संगठनों को प्राथमिकता प्रदान की जाएगी।
उप निदेशक कृषि ने बताया कि कृषक भाई समूह गठित कर उत्पादक संगठन के माध्यम से न्यूनतम 10 हेक्टेयर क्षेत्रफल का क्लस्टर बना सकते हैं। जनपद झांसी में तीन मॉडल के क्लस्टर बनाने का लक्ष्य रखा गया है जिसमें प्रथम मॉडल के अंतर्गत 1.5 मीटर या 05 फीट ऊंचाई वाली 36 सोलर फेंसिंग कराई जाएगी, एक सोलर फेंसिंग की कुल लागत 10.87 लाख रुपए के सापेक्ष 8.69 लाख रुपए का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा एवं शेष 2.18 लाख रुपए का अंश कृषक भाई को देना होगा। द्वितीय मॉडल के अंतर्गत 1.8 मीटर या 06 फीट ऊंचाई वाली 74 सोलर फेंसिंग कराई जाएगी, एक सोलर फेंसिंग की कुल लागत 11.64 लाख रुपए के सापेक्ष 9.31 लाख रुपए का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा एवं शेष 2.33 लाख रुपए का अंश कृषक भाई को देना होगा। तृतीय मॉडल के अंतर्गत 2.10 मीटर या 07 फीट ऊंचाई वाली 35 सोलर फेंसिंग कराई जाएगी, एक सोलर फेंसिंग की कुल लागत 8.79 लाख रुपए के सापेक्ष 7.03 लाख रुपए का अनुदान सरकार द्वारा दिया जाएगा एवं शेष 1.76 लाख रुपए का अंश कृषक भाई को देना होगा। उन्होंने बताया कि अधिकतम अनुदान 1500 रनिंग मीटर तक ही मान्य होगा जिसमें गेट, सोलर पैनल, बैट्री, बायर आदि सम्मिलित होंगे। सोलर फेंन्सिग हेतु लागत पी.डब्लू.डी. के शेड्यूल ऑफ रेट एवं परीक्षणोपरान्त क्रमशः प्रथम मॉडल 682 रूपए, द्वितीय मॉडल 771 रूपए एवं तृतीय मॉडल 608 रूपए प्रति रंनिग मीटर लागत आंकलित है, जिसके आधार भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्यों का निर्धारण किया गया जाएगा। सोलर फेन्सिग हेतु फर्मों का नियमानुसार चयन होने पर प्राप्त रनिंग मीटर वास्तविक लागत के आधार पर योजनान्तर्गत स्वीकृत वित्तीय लक्ष्यों की सीमान्तर्गत भौतिक लक्ष्यों को संशोधित किया जायेगा। उन्होंने बताया कि प्रत्येक क्लस्टर को कम से कम 500 सहजन के पौधे स्वयं लाभार्थी कृषक को खेत की मेड पर लगाना आवश्यक होगा, सहजन के यह पौधे संबंधित किसान को 15 रुपए प्रति पौधा की दर से उपलब्ध करायें जायेगें। सरकार द्वारा योजना का अवसर के रूप में लाभ हेतु पात्र एवं इच्छुक कृषक के कल्याण के लिए संबंधित पोर्टल को दिनांक 31 जुलाई 2025 तक खोला गया है।
रिपोर्ट अंकित साहू
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