जाति का अंत करना होगा : रवींद्र शुक्ल

झांसी। श्री रामचरित्र मानस की रचयिता तुलसीदास के अवतरण दिवस पर हिंदी साहित्य भारती अंतरराष्ट्रीय आध्यात्मिक समारोह का आयोजन गुरुवार को उन्नाव रोड होटल मारवलस में आयोजित किया गया। कार्यक्रम ने विभिन्न आध्यात्मिक विशेषज्ञों की उपस्थित रही। मंडलीय सम्मेलन में काशी, दिल्ली, ललितपुर आदि स्थानों से आए ऋषि मुनियों व महामंडलेश्वरों द्वारा आध्यात्मिक विषय पर विस्तृत चर्चा की गई। 

    आयोजन में सभी वक्ताओं ने धर्म चेतना जागृत करने पर जोर दिया। इसी क्रम में अध्यक्ष रवींद्र शुक्ल ने अपने वक्तव में कहा कि प्रत्येक व्यक्ति की जिम्मेदारी है कि गांव_गांव जाकर आर्थिक रूप से कमजोर परिवार के बच्चों को धर्म का पाठ त्याग परिश्रम कराएं। जिससे हमारी बहन, बेटियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। उन्होंने कहा कि गोकुलों, महाविद्यालयों, स्कूलों में शिक्षार्थ बच्चों को अपने अध्यात्म, धर्म के बारे में पढ़ाया जाए। शुक्ला ने कहा कि किसी भी शास्त्र में जातिवाद नहीं है। हमें जातिवाद का अंत करना होगा। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष प्रहलाद बाजपेई, महामंडलेश्वर चंद्रेश्वर गिरि, आध्यात्मिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष ललितपुर विनोद शर्मा, राजेश्वरानंद जी, दिल्ली से महामंडलेश्वर ममता, सचिंद्रनाथ मिश्रा, डा विजयलक्ष्मी शुक्ला बालन्यायधीश, महामंडलेश्वर भावना गोस्वामी, सेवानिवृत आईएएस श्याम सिंह, कृष्णदत्त, महानगर धर्माचार्य डाॅ हरिओम पाठक ने भी संबोधित किया 
कार्यक्रम का संचालन बीबी त्रिपाठी ने आभार संजय राष्ट्रवादी ने व्यक्त किया। 
इस अवसर पर विष्णु दत्त स्वामी हरिओम थापक,लल्लन महाराज, बृजकिशोर भार्गव, बसंत गोलवरकर, रामकुमार बिदुआ,निशांत शुक्ला, अरविंद तिवारी,राजेश तिवारी मक्खन, रूचि निवेदिता, दीपक त्रिपाठी,नीरज सिंह, 
मीनू राजावत, सीमा शर्मा, नीता अवस्थी, सविता पचौरी,स्नेहलता तोमर, रजनी निरंजन, साधना यादव, प्रतिमा ओझा, संगीता जोशी, सरोज मौर्या पुनीत श्रीवास्तव आदि उपस्थित रहे।

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.