मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस पर बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान ने बच्चों की सुरक्षा के लिए समन्वित कार्रवाई पर दिया जोर

झांसी। मानव दुर्व्यापार विरोधी दिवस के अवसर पर बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान की पहल पर वरिष्ठ रेल सुरक्षा आयुक्त सभागार झांसी में हुए कार्याशाला में बाल संरक्षण और बाल अधिकारों के क्षेत्र से जुड़े सभी प्रमुख हितधारक एक साथ आए। इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि माननीय अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झांसी श्री शरद कुमार चौधरी विशिष्ठ अतिथि उप निदेशक महिला कल्याण विभाग झांसी मंडल झांसी श्री श्रवण कुमार, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, समाज कार्य विभाग बी0यू0 झांसी के प्रोफेसर डा0 मुहम्मद नईम एवं कार्यशाला की अध्यक्षता सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल झांसी श्री कृष्णा नन्द तिवारी ने की कार्यशाला में सभी प्रतिनिधियों ने एक सुर से स्वीकार किया कि बाल दुर्व्यापार यानी बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने के लिए सभी एजेंसियों व विभागों को साथ मिलकर कार्रवाई करने की सख्त जरूरत है ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों में कानून का भय पैदा हो सके।
मुख्य अतिथि माननीय अपर जिला जज/सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण झांसी श्री शरद कुमार चौधरी ने कहा कि बच्चों की सुरक्षा के लिए सभी हितधारकों के बीच तालमेल व समन्वय आवश्यक है। “अगर बच्चों की ट्रैफिकिंग रोकना है तो कानूनी कार्रवाई जरूरी है। बाल दुर्व्यापारियों को जब शीघ्र और सख्त सजा मिलेगी, तभी हम उनमें कानून का भय पैदा कर पाएंगे और यह भय ट्रैफिकिंग की रोकथाम के लिए सबसे असरदार उपाय साबित होगा।
कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे सहायक सुरक्षा आयुक्त रेलवे सुरक्षा बल झांसी श्री कृष्णा नन्द तिवारी ने संस्थान की सराहना करते हुए कहा कि संस्थान ने (आरपीएफ) के साथ मिलकर बच्चों की ट्रैफिकिंग के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए रेलवे स्टेशनों पर अभियान चलाया। और इस दिवस के अवसर पर सभी हितग्राहियों के साथ कार्यशाला का आयोजन किया गया। उन्होने कहा कि पूरे देश में रेलवे सुरक्षा बल द्वारा आपरेशन नन्हे फरिश्ते के तहत पिछले 7 वर्षो में 84000 से अधिक बच्चों को रेसक्यू किया गया।
उप निदेशक महिला कल्याण विभाग के श्रवण कुमार गुप्ता ने बच्चों की ट्रैफिकिंग से निपटने में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने आने वाली वाली चुनौतियों पर चर्चा करते हुए कहा कि मौजूदा कानूनों के प्रति जागरूकता बढ़ाना, संवेदनशील तबकों को ट्रैफिकिंग गिरोहों और उनके कामकाज के तरीकों के बारे में संवेदनशील बनाना और सभी एजेंसियों के बीच समन्वय को मजबूत करना तत्काल जरूरी है, ताकि मुक्त कराए गए बच्चों के लिए तय समयसीमा में न्याय और पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।
बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री राजीव शर्मा, ने बाल तस्कारी रोकने हेतु कहा कि सभी को अपनी भूमिकाए निभानी होगी तभी बच्चों को इस दल-दल से बचा पायेगे। उन्होने कई बच्चों के उदाहरण को सामने रखा जिन बच्चों को आरपीएफ चाइल्ड लाइन, एवं समाजिक संगठनों के माध्यम से बचाया गया और उनको संरक्षण प्रदान किया गया।
समाज कार्य विभाग बी0यू0 झांसी के प्रोफेसर डा0 मुहम्मद नईम ने बच्चों की ट्रैफिकिंग केवल बाल मजदूरी या मुनाफे के लिए यौन शोषण तक ही सीमित नहीं है। बहुत से बच्चे, खास तौर से लड़कियां, जबरन विवाह के लिए भी ट्रैफिकिंग का शिकार बनती हैं। इस के लिए ठोस कार्ययोजना बनाकर किर्यान्वयन करना होगा।
बुन्देलखण्ड सेवा संस्थान के निदेशक बासुदेव ने कहा कि देश में बाल अधिकारों की सुरक्षा व संरक्षण के लिए 250 से भी अधिक नागरिक समाज संगठनों के देश के सबसे बड़े नेटवर्क जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रेन (जेआरसी) का बुन्देलखण्ड सेवा संस्था सहयोगी संगठन है और झांसी में बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए काम कर रहा है।
इस कार्यशाला में मण्डल सलाहकार यूनीसेफ झांसी पारीक्षित सेठ एएचटीयू से उप निरीक्षक रामबाबू संचान, वन स्टाप सेन्टर प्रभारी प्रीति त्रिपाठी, एडवोकेट/डा0 प्रतीक चौरसिया, चाइल्ड लाइन सुपरवाईजर विलाल, बचपन बचाव आन्दोलन के सहायक परियोजना अधिकारी मनीष कुमार वर्मा जन साहस संस्थान के समन्वयक मुकेश कुमार सपोर्ट पर्सन शिवानी पोरवाल, विकास निरिजंन समाजिक कार्यकर्ता पवन गौतम वीकेश गौतम सहित झांसी मण्डल के समस्त आरपीएफ के उप निरीक्षक मौजूद रहे कार्यशाला का संचालन अमरदीप द्वारा किया गया।
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