सास -ससुर को नहीं मिली जेल से रिहाई , जमानत अर्जी निरस्त

झांसी । पुत्र वधू की हत्या के मामले में आरोपी सास ससुर को जेल से रिहाई नहीं मिल सकी, ऊनकी जमानत अर्जी सत्र न्यायाधीश सुनील कुमार यादव के न्यायालय ने निरस्त कर दी।
जिला शासकीय अधिवक्ता मृदुल कांत श्रीवास्तव ने बताया कि वादी मुकदमा धीरेन्द्र कुमार ने 30 जून 2025 को थाना-एरच पर  तहरीर देते हुए बताया था कि 20 वर्ष पहले उसकी बहन पुष्पलता उर्फ पिंकी की शादी बुद्धप्रकाश निवासी ग्राम शमशेरपुरा थाना एरच के साथ हुई थी। उसकी बहन डॉक्टर का कार्य करती थी। वह अपने ही मकान झांसी में पति व दो बच्चों के साथ रह रही थी। बहनोई बुद्धप्रकाश पूर्व की कुछ घटनाओं को लेकर रंजिश मानते थे। बहनोई बुद्धप्रकाश ने उसकी बहन को 29‌ जून 2025 को झांसी से ग्राम शमशेरपुरा बुलाया और कहा कि माँ भूरी देवी की तबियत खराब है, उनका इलाज कर जाओ। उसकी बहन प्राइवेट एम्बुलेन्स को साथ लेकर ग्राम शमशेरपुरा पहुंची । पुष्पलता घर के अन्दर जाकर सास भूरी देवी का इलाज करने लगी। इसके बाद जैसे ही एम्बुलेन्स चालक दवाई लेने गया, तभी पति बुद्धप्रकाश, ससुर शमशेर सिंह, सास भूरी देवी व बहनोई अमर सिंह के साथ एक अज्ञात व्यक्ति ने एक राय होकर पुष्पलता का गला रस्सी से दबाकर हत्या कर दी। ड्राईवर जटाधारी जैसे ही पुष्पलता के पास दवाई लेकर पहुंचा, तो उक्त सभी जटाधारी को कुल्हाड़ी लेकर मारने के लिए दौड़े। जटाधारी ने तुरन्त एम्बुलेन्स लेकर गाँव के बाहर निकलकर उक्त घटना की जानकारी वादी को दी। तब वादी अपने परिवार व रिश्तेदारों को अपने साथ लेकर तुरन्त ग्राम शमशेरपुरा पहुंचा, तो बहन पुष्पलता मृत अवस्था में मिली। तहरीर के आधार पर धारा-103(1),3(5) भारतीय न्याय संहिता के अधीन पंजीकृत होकर विवेचनाधीन है। उक्त मामले में आरोपी सास श्रीमती भूरी देवी व ससुर शमशेर सिंह उर्फ लालू यादव की ओर से प्रस्तुत  जमानत प्रार्थना पत्रों पर सुनवाई उपरांत पर्याप्त आधार नहीं पाते हुए न्यायालय द्वारा प्रार्थना पत्र निरस्त कर दिए गए।

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