झांसी में भू-माफियाओं पर 37 एफआईआर दर्ज, भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्यवाही करने के निर्देश

झांसी: आज कलेक्ट्रेट नवीन सभागार में जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने राजस्व कार्यों की समीक्षा करते हुए उपस्थित समस्त उपजिलाधिकारी/ तहसीलदार को आईजीआरएस पोर्टल पर की गई शिकायतों के निस्तारण का असंतोषजनक फीडबैक प्राप्त होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए निर्देश दिए कि शिकायतों का निस्तारण कैसे हो कि होगी परीक्षा पूछे जाएँगे प्रश्न। उन्होंने सभी को परीक्षा की तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने उपस्थित सभी एसडीएम को निर्देश दिए कि राजस्व वादों के निस्तारण के लिए मिशन मोड में कार्यवाही की जाए। कहीं भी किसी गरीब के साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। जनता से जुड़े विभागों के अधिकारी तय समय पर जनता से जरूर मिलें। प्रत्येक विभाग में जनसुनवाई को प्राथमिकता दी जाए। उन्होंने कहा कि आई0जी0आर0एस0 में मिलने वाले आवेदन हों या सी0एम0 हेल्पलाइन अथवा थाना, तहसील, विकासखण्ड में पहुंचने वाले शिकायतकर्ताओं की सुनवाई की जाए। पीड़ित/परेशान व्यक्ति की मनोदशा को समझें और उसकी भावना का सम्मान करें। उस व्यक्ति की समस्या का समाधान पूरी संवेदनशीलता के साथ किया जाए। शिकायतकर्ता की संतुष्टि और उसका फीडबैक ही अधिकारियों के प्रदर्शन का मानक होगा। जनशिकायतों/समस्याओं से जुड़े आवेदन का संतोषप्रद निस्तारण प्राथमिकता से किया जाए। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने राजस्व कार्यों की समीक्षा करते हुए एंटी भू-माफिया पोर्टल की समीक्षा की और उपस्थित समस्त एसडीएम  को निर्देशित किया कि चिह्नित करते हुए भू-माफियाओं पर सख्त कार्यवाही की जाए। उन्होंने कहा कि जनपद में भू-माफियाओं पर माह जुलाई तक 37 एफआईआर दर्ज कराई गई, सबसे अधिक 14 एफआईआर तहसील सदर में दर्ज की गई इसके साथ ही मोंठ में 06, टहरौली में 12, मऊरानीपुर में 04 एफआईआर दर्ज कराई गई। उन्होंने निर्देश दिए भूमाफियाओं को चिह्नित करते हुए सख्त कार्यवाही की जाए। 
राजस्व कार्यों की समीक्षा करते हुए जिलाधिकारी ने तहसील स्तर पर विभिन्न वादों की समीक्षा करते हुए लम्बित वादों का निस्तारण जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने जनपद में उ.प्र. राजस्व संहिता की धारा -116 के लंबित वादों पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त उपजिलाधिकारियों को उक्त समस्त वादों का निस्तारण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इस धारा के अंतर्गत बँटवारे के कुल 1583 वाद लंबित है, जिसमें 03 वर्ष से 05 वर्ष तक के पुराने 22 प्रकरण है, उन्होंने असंतोष व्यक्त करते हुए तत्काल अभियान चलाकर प्रकरण के निस्तारण के निर्देश दिए। उन्होंने समस्त तहसीलदारों को उ.प्र. राजस्व संहिता की धारा-24 के वादों के निस्तारण पर फोकस किए जाने के निर्देश देते हुए कहा कि इस धारा के अंतर्गत हदबंदी के प्रकरण लिए जाते हैं जिनका समय से निस्तारण करना अति आवश्यक है। उन्होंने समीक्षा के दौरान 03 वर्ष से 05 वर्ष तक के वादों का निस्तारण जल्द से जल्द करने के निर्देश दिए। उन्होंने सबसे अधिक एसडीएम मोंठ न्याय 44, एसडीएम मोंठ 30 सहित एसडीएम न्याय मऊरानीपुर, एसडीएम सदर एवं एसडीएम न्याय सदर के साथ ही एसडीएम न्याय गरौठा और एसडीएम टहरौली को लिस्टिंग करते हुए सभी वादों का निस्तारण करने के निर्देश दिये। राजस्व कार्यों की समीक्षा के दौरान जिलाधिकारी ने आईजीआरएस पोर्टल पर 797 निस्तारित शिकायतों के सापेक्ष 448 असंतोषजनक फीडबैक प्राप्त होने पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समस्त एसडीएम, तहसीलदार, नायब तहसीलदार सहित समस्त विभागीय अधिकारियों की परीक्षा कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिकायतों का निस्तारण गुणवत्तापरक कैसे किया जाए कि होगी परीक्षा सभी तैयारियां कर लें।  
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने सम्पूर्ण समाधान दिवस को और सार्थक बनाने के लिए उपस्थित अपर जिलाधिकारियों को निर्देशित किया कि सम्पूर्ण समाधान दिवस पर आप बीते माह सम्पूर्ण समाधान दिवस की शिकायतों का परीक्षण अवश्य करें ताकि किए गए निस्तारण की जानकारी प्राप्त हो सके। इसके अतिरिक्त उन्होंने विभिन्न अधिकारियों को निर्देशित किया की सम्पूर्ण समाधान दिवस के मौके पर रास्ते में पड़ने वाले विद्यालयों में प्रेरणा ऐप के माध्यम से चेक लिस्ट के अनुसार निरीक्षण करना सुनिश्चित करें।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व वरुण कुमार पांडेय, अपर जिलाधिकारी प्रशासन शिव प्रताप शुक्ल,अपर जिलाधिकारी न्याय अरुण कुमार गौड़, अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे योगेन्द्र कुमार, एसडीएम सदर गोपेश तिवारी, एसडीएम मोंठ अवनीश तिवारी, एसडीएम मऊरानीपुर प्रदीप कुमार, एसडीएम गरौठा सुनील कुमार, एसडीएम टहरौली गौरव आर्या, एसीएम अजय कुमार यादव, एसडीएम न्याय श्वेता साहू, सहित समस्त तहसीलदार नायब तहसीलदार उपस्थित रहे।    
 
रिपोर्टर अंकित साहू

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