बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष का दबदबा कायम, चुनाव परिवीक्षा की सूची जारी होने के बाद भी नहीं आये

झांसी : काउंसिल चुनाव की प्रक्रिया तेज़ी से आगे बढ़ रही है, लेकिन इस बार भी तस्वीर बहुत कुछ पुरानी जैसी ही नजर आ रही है। परिवीक्षा अधिवक्ताओं की सूची जारी हो चुकी है, इसके बावजूद न तो व आए और न ही युवा अधिवक्ताओं की कोई खास सक्रियता देखने को मिली। वहीं दूसरी ओर, बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष और पुराने दिग्गजों का चुनावी मैदान में दबदबा पहले से कहीं अधिक मजबूत दिखाई दे रहा है। *सूची आई, परिवीक्षा नही*

बार काउंसिल द्वारा कुछ समय पूर्व परिवीक्षा अधिवक्ताओं की सूची जारी कर दी गई थी, जिससे उम्मीद जताई जा रही थी कि इस बार युवा अधिवक्ताओं की भागीदारी बढ़ेगी और चुनाव में नई ऊर्जा देखने को मिलेगी। लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। सूची जारी होने के बावजूद न तो नए नामों की सक्रियता दिखी और न ही चुनावी समीकरणों में कोई बड़ा बदलाव आया।पूर्व अध्यक्षों की पकड़ बरकरार,इस बार भी बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष और पुराने पदाधिकारी न केवल चुनाव प्रचार में सबसे आगे हैं, बल्कि लॉबीइंग, रणनीति और समर्थन के स्तर पर भी उन्होंने अन्य सभी को पीछे छोड़ दिया है। लंबे समय से बार राजनीति में सक्रिय ये चेहरे अधिवक्ताओं के एक बड़े वर्ग में अपना प्रभाव बनाए हुए हैं।
 
रिपोटर:- आकाश कौशल

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