अभावों के कारण शिक्षा ग्रहण नहीं कर पा रही थी मासूम, डॉक्टर संदीप ने बढ़ाये हाथ

झांसी। ज्यादा दिन नहीं हुये, जब लखनऊ में एक बेटी ने अपनी शिक्षा के लिए जनता दरबार में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से गुहार लगाई थी और मुख्यमंत्री ने तत्काल हस्तक्षेप करते हुए फीस का अभाव होने के बाद भी उस बेटी का एडमिशन स्कूल में कराया था। कुछ ऐसा ही नजारा आज झांसी में संघर्ष सेवा समिति कार्यालय में देखने को मिला, जहां शिक्षा पाने के लिए आतुर एक बेटी को आर्थिक अभाव के चलते पढ़ने के लिए संघर्ष सेवा समिति के संस्थापक अध्यक्ष तथा वरिष्ठ समाज सेवी डॉक्टर संदीप सरावगी ने हाथ थामकर शिक्षा से संबंधित संसाधन उपलब्ध कराये। दरअसल, शिक्षा जीवन का एक ऐसा हथियार है, जिसके सहारे प्रगति हर तरह से हासिल की जा सकती है। शिक्षा के अभाव में प्रतिभा होने के बाद भी प्रतिभाओं को दम तोड़ना पड़ जाता है और उनकी प्रगति का रास्ता रुक जाता है। यह पूरा मामला सागर गेट में रहने वाली गरिमा जोशी का है, जो वर्तमान में बलदेव भाई पटेल जूनियर हाई स्कूल में कक्षा एक में पढ़ रही है। गरिमा को पढ़ने की ललक है। साक्षर बनने के बाद कुछ बड़ा बनने के उसके सपने हैं, लेकिन उसके सामने आर्थिक अभाव सबसे बड़ी बाधा बनकर खड़ा हो जाता है। दरअसल, गरिमा के पिता अरविंद जोशी दिव्यांग है। शारीरिक रूप से दिव्यांग होने के कारण उनकी आर्थिक स्थिति भी कमजोर है। हालांकि अरविंद एक बेहतर क्रिकेट खिलाड़ी भी है, जो दिव्यांग टीम से कई प्रतिस्पर्धा में भाग ले चुके हैं। गरिमा आगे पढ़ना चाहती है, लेकिन अरविंद अपनी दिव्यांगता के कारण उसे आगे पढाने में खुद को बेबस समझ रहे हैं। आज जब अरविंद अपनी बेटी गरिमा जोशी को लेकर संघर्ष सेवा समिति कार्यालय पर पहुंचकर डॉक्टर संदीप सरावगी से मिले और उन्हें गरिमा की पढ़ने की इच्छा के बारे में बताया, तो डॉक्टर संदीप ने तत्काल बिना देर किए गरिमा को पढ़ाई से संबंधित सारे संसाधन उपलब्ध कराए। कॉपी किताबों से लेकर स्कूल की ड्रेस, जूते मौजे आदि कोई भी एक चीज डॉक्टर संदीप ने नहीं छोड़ी, जो गरिमा को उपलब्ध नहीं कराई गई हो। इस अवसर पर डॉक्टर संदीप ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति का शिक्षित होना बेहद आवश्यक है। जब प्रत्येक व्यक्ति शिक्षित होगा, तो संपूर्ण समाज शिक्षित होगा और जब संपूर्ण समाज शिक्षित होगा, तो संपूर्ण देश शिक्षित होगा। सर्वांगीण विकास वही देश कर सकता है, जो पूरी तरह से शिक्षित हो, इसलिए हर एक व्यक्ति का कर्तव्य है कि वह एक-एक बच्चे को पूरी तरह से साक्षर बनाएं। पढ़ने लिखने में आ रही बाधाओ को दूर करने की भरसक कोशिश करें। उन्होंने स्पष्ट किया कि आने वाले समय में भी जो भी बच्चे शिक्षा से वंचित हैं, वह उनसे संपर्क कर सकते हैं। वह अपनी तरफ से बच्चों को शिक्षित करने के लिए हर संभव कदम उठाएंगे।
किसी भी बच्चे को संघर्ष सेवा समिति कार्यालय से निराश होकर नहीं लौटना पड़ेगा।
इस दौरान ओ.पी यादव, सूरज वर्मा, मुकेश यादव, अनिल कुमार, आनंद चौहान, बसंत गुप्ता, संदीप नामदेव, मीना, सुशांत गुप्ता, राहुल, हर्षित, अनुज, आशीष विश्वकर्मा, महेंद्र, दीक्षा साहू आदि सहित संघर्ष सेवा समिति के तमाम सदस्य मौजूद रहे डॉ संदीप सरावगी के गरिमा के प्रति स्नेह तथा मदद के लिए गरबा के पिता ने उनका आभार जताया।
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