बिना खतौनी खाद बेचने पर होगी सख्त कार्यवाही, किसान का भी होगा सत्यापन

झांसी: जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने आज औचक राजापुर बहुद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति विकास खण्ड बबीना एंव पीसीएफ का स्थलीय निरीक्षण किया, उन्होंने इस दौरान किसानों को बताया कि जनपद में उर्वरक/कीटनाशक रसायन की कोई कमी नहीं होने दी जाएगी। जनपद में लक्ष्य के सापेक्ष पर्याप्त मात्रा में उर्वरक उपलब्ध है। उन्होंने किसानों को अनावश्यक रूप से स्टॉक न करने की सलाह दी। जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने सोसाइटी पर उपस्थित किसानों से खाद के रेट को लेकर जानकारी प्राप्त की, उन्होंने कड़े निर्देश दिए की जनपद में ओवर रेटिंग की शिकायत पर तत्काल कार्यवाही करते हुए उर्वरक विक्रेता का लाइसेंस निरस्त किए जाने की कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। सहकारी समिति का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने उपलब्ध स्टॉक रजिस्टर तथा वितरण रजिस्टर का मिलान किया और निर्देश दिए कि किसी भी दशा में उर्वरक वितरण में गड़बड़ी न हो।
जिलाधिकारी ने राजापुर बहुउद्देशीय प्राथमिक ग्रामीण सहकारी समिति(बी.पैक्स), लि. का निरीक्षण करते हुए कतार में खड़े कृषकगण द्वारा अवगत कराया गया कि उन्हें डीएपी/यूरिया प्राप्त होने में कोई समस्या उत्पन्न नहीं हो रही है। उन्होंने ग्राम बछौनी निवासी रामगोपाल द्वारा दिये गये अभिलेखों को देखा तथा निर्देश दिए कि अभिलेखों को अवलोकन करते हुए वितरण की कार्यवाही नियमाुनसार तीव्रता के साथ करें, ताकि किसी कृषक को कतार में लम्बे समय तक खड़ा न होना पड़े। उन्होंने किसानों से नैनो डीएपी एवं यूरिया की बोतलों के सम्बन्ध में जानकारी देते हुए बताया कि यह उर्वरक ईको फ्रेंडली है तथा इनकी कीमत भी डीएपी/यूरिया की बोरियों से कम है तथा उपज पर इनका अनुकूल प्रभाव अधिक है। कतिपय कृषकगण द्वारा अवगत कराया गया कि वह इनका पूर्व में भी प्रयोग कर चुके हैं और उन्हें अधिक लाभ भी प्राप्त हुआ है।
जिलाधिकारी मृदुल चौधरी ने कहा कि किसानों द्वारा जनपद में उर्वरक की कालाबाजारी एवं ओवर रेटिंग तथा अनावश्यक रूप से उर्वरक विक्रेताओं द्वारा परेशान किए जाने की शिकायत बार-बार मिल रही है, इसे किसी भी दशा में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने निर्देश देते हुए कहा कि उर्वरक बिक्री केन्द्रो के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा में उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रो में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है। जबकि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) नियंत्रण आदेश 1985 की धारा-4 मे स्पष्ट उल्लेख किया गया है कि उर्वरक बिकी केन्द्रो के रेट बोर्ड मे पठनीय दशा मे उर्वरकों के अधिकतम विक्रय मूल्य एंव केन्द्रो में उपलब्ध स्टाक का विवरण लिखा होना अनिवार्य है फिर भी निर्देशो का पालन नही किया जा रहा है जो कि उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 का स्पष्ट उलंघन है।
जिलाधिकारी मिथुल चौधरी ने पी.सी.एफ. वेयर हाउस का भी औचक निरीक्षण करते हुए डी.ए.पी. एवं यूरिया के बोरियों एवं नैनो डी.ए.पी./यूरिया की उपलब्धता, प्रेषण एवं गुणवत्ता की जांच की। उन्होंने मौके पर कृभकों द्वारा भेजी जा रही डी.ए.पी. के सैम्पुल को देखा। भार तोलने की मशीन न होने पर निर्देश दिए कि रैण्डमी भार तोलने की मशीन के माध्यम से बोरियों के भार तौला जाये एवं उनके सैम्पुल लेकर गुणवत्ता की जांच भी कराई जाये। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को निर्देश देते हुए कहा कि समस्त उपजिलाधिकारी द्वारा भी प्रेषित की जा रही डी.ए.पी./यूरिया को समय-समय पर देखें। जिला प्रबन्धक, पी.सी.एफ. द्वारा बताया गया कि को-ऑपरेटिव बैंक द्वारा आरटीजीएस में 02 दिन का समय लिया जा रहा है, जिससे डिमाण्ड एवं सप्लाई प्रभावित हो सकती है। अपर जिलाधिकारी वित्त एवं राजस्व को सही समाधान कराया जाने के निर्देश दिए।
उक्त निरीक्षण के दौरान , ज्वाइंट मैजिस्ट्रेट जी अक्षय दीपक,अपर जिलाधिकारी(वि./रा.) वरूण पाण्डेय, जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा एवं जिला प्रबधन्क पी.सी.एफ धनन्जय तिवारी सहित क्षेत्र के बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।
रिपोर्टर अंकित साहू
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