बुन्देलखण्ड में दलहन एवं तिलहन के विकास हेतु सरकार पूर्णरुप से दृढ़ संकल्पित- कृषि मंत्री

झांसी: सूर्य प्रताप शाही मन्त्री कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग उ0प्र0 के मुख्य आतिथ्य में मण्डल स्तरीय रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025 के तहत झांसी एवं चित्रकूटधाम मण्डल की ‘‘संयुक्त रबी उत्पादकता गोष्ठी-2025’’ पं0 दीनदयाल सभागार, झांसी में आयोजित की गयी। इस अवसर पर विधायक गरौठा जवाहर लाल राजपूत, जिला पंचायत अध्यक्ष पवन कुमार गौतम, सदस्य विधान परिषद उ0प्र0 श्रीमती रमा निरंजन, सदस्य विधान परिषद उ0प्र0 रामतीर्थ सिंघल, अध्यक्ष गौ-सेवा आयोग श्याम बिहारी गुप्ता, जिलाध्यक्ष भाजपा प्रदीप पटेल की उपस्थिति रही।
कार्यक्रम में सर्वप्रथम मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों द्वारा सभागार परिसर में कृषकों के कल्याण हेतु सरकार द्वारा संचालित योजनाओं एवं उपलब्धियों पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया गया। इसके पश्चात मंचासीन अतिथियों द्वारा माँ अन्नपूर्णा जी के चित्र पर दीप प्रज्जवलन एवं माल्यार्पण कर रबी उत्पादकता गोष्ठी का विधिवत् शुभारम्भ किया गया। इसके पश्चात मंचासीन अतिथियों का पुष्पगुच्छ भेंटकर स्वागत किया गया।
मण्डलीय रबी उत्पादकता गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित मन्त्री, कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान विभाग उ०प्र० सरकार सूर्य प्रताप शाही ने अपने सम्बोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय की स्थापना विज्ञान और अनुसंधान को जोड़कर यहां के किसानों की आय में वृद्धि लाने के लिए की है। उन्होने कहा कि बुन्देलखण्ड की पहचान भारत में दलहन और तिलहन के लिए रही है। किसान भाई बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पानी की उपलब्धता को ध्यान में रखते हुये सीमित मात्रा में पानी का उपयोग कर अलसी, चना एवं मसूर जैसी दलहनी फसलों की बुवाई पर विचार करें। हाल ही में 11 अक्टूबर 2025 को प्रधानमंत्री ने 02 महत्वपूर्ण योजनाओं (पीएम धन-धान्य कृषि योजना एवं दलहन आत्मनिर्भरता मिशन) का शुभारम्भ किया। पीएम धन धान्य योजना कृषि योजना का उद्देश्य किसानों की आय में वृद्धि, कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाना और देश को आत्मनिर्भर बनाना है, इसके लिए देश में राष्ट्रीय उत्पादकता के अनुरुप कम उत्पादन वाले 100 जनपदों का चिन्हांकन किया गया है, इन 100 जनपदों में झांसी एवं चित्रकूटधाम मण्डल के 07 जनपद (झांसी, जालौन, ललितपुर, चित्रकूट, बांदा, महोबा एवं हमीरपुर) सम्मिलित है। इसी प्रकार बुन्देलखण्ड में दलहन की पहचान को और अधिक मजबूत बनाने एवं किसानों द्वारा रुचिपूर्वक दलहन उत्पादन के लिए दलहन आत्मनिर्भर मिशन योजना लागू की गयी है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के नेतृत्व में हमारे द्वारा लगभग 45 लाख से ज्यादा किसानों को दलहन एवं तिलहन के मिनी किट निःशुल्क वितरित किये गये है, जिसके फलस्वरुप उ0प्र0 में 23 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 30 लाख मीट्रिक टन से अधिक दाल का उत्पादन एवं 12 लाख मीट्रिक टन के सापेक्ष 26 मीट्रिक टन सरसों एवं राई का उत्पादन किया जा रहा है। कृषि विभाग द्वारा कृषकों के कल्याण के लिए आॅनलाइन पोर्टल का भी संचालन किया गया है, जिसका प्रयोग कर कृषक भाई राई, सरसों, मसूर, चना एवं मटर की फसल की बीज किट प्राप्त कर सकते है। केन्द्र एवं राज्य सरकार बुन्देलखण्ड में दलहन एवं तिलहन के विकास हेतु पूर्णरुप से दृढ़ संकल्पित है। किसान भाई जलवायु के अनुरुप ऐसी फसलों का चयन करें, जिसमें लागत और परिश्रम की तुलना में लाभ अधिक प्राप्त हो। किसान भाई प्राकृतिक खेती और श्रीअन्न की खेती पर भी ध्यान दें। फसल बीमा भुगतान के लाभार्थियों को योजना के लाभ से आच्छादन में अधिकारी एवं कर्मचारी शासन के दिशा-निर्देशों का पूर्ण अनुपालन सुनिश्चित करें। प्राकृतिक खेती मिशन के अन्तर्गत कृषक भाई अपने खेतों में फर्टीलाइजर का प्रयोग आवश्यकता होने पर मानक के अनुरुप ही करें।
रबी गोष्ठी में अध्यक्ष गौ-सेवा आयोग श्याम बिहारी गुप्ता ने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में विदेशों से अधिक प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध है। प्रधानमंत्री की योजनायें किसानों के कल्याण हेतु पूर्णरुप से समर्पित है। गौ-आधारित प्राकृतिक खेती के विकास के लिए कैटल शेड एवं गोबर संयंत्र के विकास पर किसान भाई अपना ध्यान आकर्षित करें, जिससे आपकी आय में वृद्धि हो सके। उन्होने कहा कि किसानों को समृद्ध एवं गौशालाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए गोबर, गौमूत्र एवं हरे चारे का प्रबन्धन अति महत्वपूर्ण कारक है, सभी गौशालाओं में गोबर के गमले तैयार कर जिनमें सहजन का पौधा लगाये। सहजन का पौधा सम्पूर्ण मानव समाज के लिए एक अमृत्व औषधि है, प्रत्येक कृषक अपने खेत के चारों ओर इस औषधीय पौधे (मोरिंगा) का रोपण अनिवार्य रुप से करें। इसके साथ ही सहभागिता योजना के तहत अधिक से अधिक गौपालकों को जागरुक किया जाये, जिससे सड़कों पर अनावश्यक रुप से विचरण कर रहे अन्ना गौवंश की समस्या का निदान किया जा सके। किसान भाई अपने खेत के चारों ओर नेपियर घास एवं सहजन के पौधे का वृहद रुप से आच्छादन कर अपनी आय में वृद्धि लाये।
रबी गोष्ठी में कुलपति, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय झांसी अशोक कुमार ने कहा कि सम्पूर्ण बुन्देलखण्ड क्षेत्र दलहन और तिलहन के लिए जाना जाता है, किन्तु कालान्तर में इस क्षेत्र में गेहूं की फसल के क्षेत्रफल में विस्तार देखने को मिला है। उन्होने कहा कि यह समय बुवाई के लिए अत्यधिक उपयुक्त है। बुन्देलखण्ड क्षेत्र में ड्रेगन फ्रूट, बेर, आंवला, आम, स्ट्राॅबेरी एवं अरबी की फसल के विकास हेतु अत्यधिक सम्भावनायें विद्यमान है। उन्होने उपस्थित कृषि उत्पादक संघों से कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में उद्यम अनिवार्य रुप से लगाये। कृषि विश्वविद्यालय समूहवार युवा कृषकों को फसली विकास हेतु प्रशिक्षण प्रदान करने का कार्य कर रहा है, किसान भाई इन प्रशिक्षणों के माध्यम से अधिक से अधिक लाभ लें।
रबी उत्पादकता गोष्ठी में प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र ने अपने सम्बोधन में कहा कि विभाग के पास रासायनिक उर्वरकों की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध है, किसान भाई अपने खेतों में इन उर्वरकों का प्रयोग मानक के अनुरुप ही करें। उन्होने कहा कि कृषि विभाग द्वारा कृषक बीमा योजना के लाभ के वितरण हेतु पूर्ण पारदर्शिता बरती जा रही है, इसमें कार्मिकों द्वारा किसी भी प्रकार की लापरवाही करने पर सम्बन्धित के विरुद्ध जांचोपरान्त नियमसंगत कार्यवाही अमल में लायी जायेगी। किसानों के फसल उत्पादों की सुरक्षा हेतु मण्डियों में कोल्ड स्टोरेज स्थापना के लिए विभागीय पत्राचार किया जा रहा है, जिसके पश्चात शीघ्र ही मण्डियों में कोल्ड स्टोरेज की स्थापना की जायेगी।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव उद्यान वी0एल0 मीना ने अपने सम्बोधन में कहा कि दिसम्बर 2025 में तुलसी को राष्ट्रीय आयुष मिशन में सम्मिलित किया जा रहा है, जिसका लाभ शीघ्र ही कृषकोें को प्राप्त होगा। इसके साथ ही कोल्ड स्टोरेज के विकास हेतु भी किसानों एवं उद्यमियों को सब्सिडी का लाभ दिया जायेगा। उन्होने कहा कि पीएम धन योजना का लाभ कृषक अनिवार्य रुप से लें। इसके साथ ही पैक हाउस, ग्रीन हाउस एवं पाॅली हाउस के प्रस्ताव वांछित उद्यमी जिला प्रशासन के माध्यम से उपलब्ध कराये एवं योजनाओं का लाभ लें।प्रधानमंत्री के विजन के अनुरुप बुन्देलखण्ड क्षेत्र में वोकल फाॅर लोकल उत्पादों की फसलों के विकास हेतु अत्यधिक सम्भावनायें विद्यमान है, इसलिए किसान भाई इस ओर अपना ध्यान आकर्षित करें।
गोष्ठी में उपस्थित कृषि निदेशक पंकज त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में कहा कि खरीफ में एक अच्छी फसल के उपरान्त भूमिगत जल में वृद्धि देखने को मिली है। उन्होने कहा कि कृषि उत्पादन में झांसी एवं चित्रकूटधाम मण्डल का प्रदेश में गेहूं, दलहन एवं तिलहन के उत्पादन में 17 प्रतिशत योगदान रहा है। सभी किसान भाई कृषि विभाग के दर्शन पोर्टल पर पंजीकरण संख्या दर्ज कर कृषि विभाग में संचालित विभागीय योजनाओं का लाभ लेते हुये अपनी आय में वृद्धि करें।
गोष्ठी में रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय से वैज्ञानिक डाॅ0 योगेन्द्र सिंह द्वारा समेकित कृषि, एकीकृत कृषि प्रणाली, बकरी उत्पादन, सब्जी उत्पादन एवं मत्स्य उत्पादन, रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय कृषि विश्वविद्यालय से वैज्ञानिक डाॅ0 पी0पी0 जामूकर ने प्रकृति पदार्थ (जीवाश्म) का प्रयोग कर भूमि की उर्वरक क्षमता में वृद्धि लाने, सरसों में माहू की समस्या के निदान, पी0पी0ओ0 हमीरपुर डाॅ0 इन्द्रेश कुमार ने पेस्टीसाइड्स का त्याग कर जैविक खेती को अपनाने, लाभकारी एवं हानिकारक कीटों के अन्तर को समझने, खेत में गोबर की खाद के प्रयोग, कृषि विज्ञान केन्द्र झांसी से डाॅ0 अतीक अहमद ने मृदा स्वास्थ्य प्रबन्धन, वर्ष में 02 बार खेत की मृदा का परीक्षण कराने, कृषि विज्ञान केन्द्र ललितपुर से डाॅ0 मुकेश चन्द्र ने जलवायु के अनुरुप फसल की बुबाई का चयन करने, कृषि उत्पादों में मूल्य सम्बर्धन, किसान भाईयों को प्राकृतिक खेती से जुड़ने तथा प्रसार निदेशक केन्द्रीय विश्वविद्यालय झांसी से डाॅ0 एस0के0 ने दलहनी फसल की प्रजाति के विकास एवं फसलों के मूल्य निर्धारण पर उपस्थित किसानों से अपने सुझाव एवं विचार साझा किये।
गोष्ठी के अवसर पर किसान उद्बोधन में उपस्थित किसानों द्वारा मंचासीन अतिथियों सहित उपस्थित विभागीय अधिकारियों को अपनी कृषि कार्य सम्बन्धी समस्याओं एवं सुझावों से अवगत कराया गया, जिसमें झांसी से पुष्पेन्द्र, कमलेश लम्बरदार, मनेन्द्र शर्मा, प्रदीप गुप्ता, जालौन से सुभाष द्विवेदी, बांदा से लवकुश पाण्डेय, ललितपुर से बाबू लाल दुबे, सुमेर सिंह, मुकेश नायक, हमीरपुर से हृदेश कुमार, मूलचन्द्र, राम किशन, महोबा से सुरेन्द्र कुमार एवं चित्रकूट से हरिशचन्द्र सम्मिलित रहे। मौके पर कृषि विभाग, विद्युत विभाग, सहकारिता विभाग, सिंचाई विभाग सहित उपस्थित अन्य विभागों के अधिकारियों द्वारा किसानों को उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु आश्वस्त किया गया। संयुक्त रबी उत्पादकता गोष्ठी में मुख्य अतिथि सहित अन्य अतिथियों द्वारा उपस्थित किसानों को रबी की फसल के बीज की मिनी किट का वितरण किया गया। इसके साथ ही अतिथियों द्वारा जिलाध्यक्ष भाजपा प्रदीप पटेल को 42 लाख की योजना के लिए लेटर ऑफ कम्फर्ट भी प्रदान किया गया।
गोष्ठी में मण्डलायुक्त झांसी बिमल कुमार दुबे, कुलपति रानी लक्ष्मीबाई केन्द्रीय विश्वविद्यालय अशोक कुमार, प्रमुख सचिव कृषि रविन्द्र, अपर मुख्य सचिव उद्यान वी0एल0 मीना, निदेशक कृषि पंकज त्रिपाठी, मुख्य विकास अधिकारी जुनैद अहमद, संयुक्त निदेशक कृषि डा0 एल0बी0 यादव, उप कृषि निदेशक एम0पी0 सिंह, जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा सहित झांसी एवं चित्रकूटधाम मण्डल के मण्डलीय एवं जिलास्तरीय अधिकारीगण तथा सम्मानीय अन्नदाता उपस्थित रहे। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रवक्ता सूरज प्रसाद राजकीय इंटर कॉलेज श्रीमती आसमां खान ने किया।
रिपोर्टर अंकित साहू
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