बिजली विभाग में मनमानी चरम पर: पूर्व पार्षद ने उठाया घोटाले का बड़ा मुद्दा, उपखंड अधिकारी पर भी आरोप

बंगरा/झांसी। रानीपुर कस्बा निवासी, नगर पंचायत के पूर्व पार्षद तथा भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने बिजली विभाग की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े करते हुए कहा है कि विभाग में लंबे समय से सुनियोजित तरीके से भ्रष्टाचार और मनमानी चल रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि उपभोक्ताओं को गुमराह कर उनके बिलों में गड़बड़ी कराई जा रही है और निपटान के नाम पर लाखों रुपये की अवैध वसूली की जा रही है। बकाया निपटान में भारी खेल, उपभोक्ता परेशान—चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने लगाए गंभीर आरोप पूर्व पार्षद ने बताया कि विभाग द्वारा बकायेदार उपभोक्ताओं को अलग-अलग नियम बताकर भ्रमित किया जाता है। बड़े उपभोक्ताओं से कहा जाता है कि कुल बिल का 50 प्रतिशत जमा करने पर मामला समाप्त हो जाएगा। जबकि छोटे उपभोक्ताओं से 20 प्रतिशत राशि की रसीद काटकर निपटान दिखा दिया जाता है।
उन्होंने कहा कि यह पद्धति पूरी तरह मनमानी और संदेहास्पद है। कई उपभोक्ताओं ने पैसे जमा कर दिए, लेकिन इसके बावजूद उनका बकाया ऑनलाइन पोर्टल पर शून्य नहीं दिखता। इससे विभागीय अधिकारियों की मिलीभगत पर और भी प्रश्नचिह्न लगते हैं। चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने कहा कि यह पूरा तंत्र उपभोक्ताओं को आर्थिक रूप से नुकसान पहुँचाने वाला है और संभव है कि बड़ी धनराशि विभाग के खाते में न जाकर निजी हाथों में जा रही हो।
शिकायतें सुनने वाला कोई नहीं, फाइलें महीनों दबाई जाती हैं
पूर्व पार्षद ने बताया कि दर्जनों उपभोक्ता अपनी शिकायतें लेकर उनके पास पहुंचे हैं। कई मामलों में शिकायत दर्ज होने के बावजूद फाइलें महीनों तक बिना कार्यवाही के पड़ी रहती हैं।
उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के कुछ अधिकारी जानबूझकर शिकायतों को ठंडे बस्ते में डाल देते हैं ताकि भ्रष्टाचार के मामलों की परतें खुल न सकें। उन्होंने कहा कि यह स्थिति उपभोक्ताओं में भारी आक्रोश पैदा कर रही है और विभाग की विश्वसनीयता लगातार गिर रही है। “यदि जांच हो जाए तो करोड़ों की गड़बड़ी सामने आएगी” — चंद्रप्रकाश कुशवाहा का कहना है कि यदि इस पूरे प्रकरण की निष्पक्ष और उच्च स्तरीय जांच कराई जाए तो विभाग में करोड़ों रुपये की गड़बड़ी सामने आने की पूरी संभावना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की मंशा पारदर्शी और भ्रष्टाचार मुक्त व्यवस्था की है, लेकिन विभाग के भीतर बैठे कुछ अधिकारी सरकारी छवि को धूमिल करने में लगे हुए हैं।
 
""उपखंड अधिकारी विद्युत मऊरानीपुर ग्रामीण पर भी लगाया गंभीर आरोप""
 
पूर्व पार्षद ने मामले को और गंभीर बनाते हुए उपखंड अधिकारी विद्युत मऊरानीपुर ग्रामीण अनुरुद्ध कुमार पर भी भ्रष्टाचार से जुड़ी अनियमितताओं में संलिप्त होने का आरोप लगाया। उनका कहना है कि एसडीओ स्तर पर किए जा रहे निपटान, बकाया समायोजन और उपभोक्ताओं के बिल संशोधन में व्यापक अनियमितताएँ पाई गई हैं। उन्होंने दावा किया कि पूर्व में किए गए कई निपटान संदिग्ध हैं, और इनकी विस्तृत जांच होने पर लाखों रुपये का घोटाला सामने आ सकता है। जन आंदोलन की चेतावनी, उपभोक्ताओं के साथ खड़े होने की घोषणा चंद्रप्रकाश कुशवाहा ने साफ शब्दों में चेतावनी दी कि यदि विभाग जल्द सुधार नहीं करता और जांच प्रारम्भ नहीं होती, तो वे कस्बा और आसपास के क्षेत्रों में जन आंदोलन छेड़ देंगे। उन्होंने कहा कि वे उपभोक्ताओं के हक और सुरक्षा के लिए किसी भी स्तर तक संघर्ष करने को तैयार हैं। स्थानीय लोग भी कर रहे जांच की मांग कस्बे के कई उपभोक्ताओं का कहना है कि महीनों से बिलों में गलतियां मिल रही हैं, निपटान सही तरीके से नहीं हो रहा, और शिकायतों पर कार्रवाई बेहद धीमी है।
स्थानीय लोगों ने इस मुद्दे को देखते हुए मामले की जांच उच्च अधिकारियों द्वारा कराए जाने की मांग की है ताकि वास्तविक स्थिति सामने आ सके।
 
 
धीरेन्द्र सोनी संवाददाता

Leave a Reply



comments

Loading.....
  • No Previous Comments found.