कैसे होगा लखनऊ का विकास- महापौर और नगर आयुक्त के बीच चल रहा विवाद?

कैसे होगा लखनऊ का विकास--- महापौर और नगर आयुक्त के बीच चल रहा विवाद?

 

राजधानी लखनऊ में इस समय कुछ ठीक नहीं चल रहा है कारण लखनऊ का नगर निगम है जिसके पास न केवल राजधानी लखनऊ को स्वच्छ और बेहतर रखने की जिम्मेदारी है बल्कि सड़क से लेकर पानी तक सारी बुनियादी सुविधाएँ भी नगर निगम के जिम्मे है। राजधानी लखनऊ में तेजतर्रार महापौर सुषमा खर्कवाल के मेयर बनने के बाद से खींचतान का दौर जारी है। खबरें लगातार आ रही है कि लखनऊ मेयर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त के बीच सामंजस्य की बड़ी कमी है इसकी बानगी ये है कि महापौर की न केवल पूर्व नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से कार्यशैली मेल खाई और न ही वर्तमान नगर आयुक्त गौरव कुमार से।  

लगातार तमाम बैठकों के माध्यम से सीधा सन्देश जा रहा है कि वर्तमान नगर आयुक्त और लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल के बीच शीत युद्ध जारी है। तभी हाल में ही नगर आयुक्त ने अपने अधिकार का उपयोग करते हुए एक साथ 20 अफसरों का तबादला कर दिया था जिस पर खासी चर्चा हो रही है और कहा ये भी जा रहा है कि इस तबादले की जद में तमाम ऐसे अफसर आ गए जो महापौर सुषमा खर्कवाल के खासमखास माने जाते हैं जिस पर सूत्र बताते है कि महापौर द्वारा कड़ी नाराजगी भी जताई गयी थी कि मुझे बिना बताये कैसे अफसरों के तबादले कर दिए गए। वहीं नगर आयुक्त का कहना है कि तबादला सामान्य प्रक्रिया है जिन लोगों के तबादले किये गए वो लम्बे समय से एक ही पद पर और एक ही जोन में तैनात थे। 


लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल और नगर आयुक्त गौरव कुमार के बीच विवाद इतना गहरा हो चुका है कि महापौर ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर नगर आयुक्त गौरव कुमार पर लापरवाही, भ्रष्टाचार और काम न करने के गंभीर आरोप लगा चुकी हैं। महापौर ने कहा कि ढाई साल के संकल्पों में से एक भी पूरा नहीं हुआ, जिससे शहर की हालत बदतर हो रही है. इतना ही नहीं अब यह मामला मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ तक भी पहुंच गया है.  

 

और हालात ये हो गए हैं कि कल नगर निगम लखनऊ के  मुख्यालय में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस पर महापौर सुषमा खर्कवाल खासी नाराज नजर आयीं कारण था कि सम्पूर्ण समाधान दिवस में अधिकतर बड़े अधिकारियों का नदारद होना। महापौर को बताया गया कि वो सभी अधिकारी वीआईपी कार्यक्रमों में व्यस्त हैं तो महापौर सुषमा खर्कवाल ने नाराज़गी जताते हुए सवाल किया कि जब मुख्यमंत्री बिहार में हैं, तो यहां अधिकारी किस कार्यक्रम में व्यस्त हैं? संपूर्ण समाधान दिवस में अपर नगर आयुक्त नम्रता सिंह, पंकज श्रीवास्तव, ललित कुमार और कई जोनल अधिकारी अनुपस्थित पाए गए। बताया ये जा रहा है कि ये अधिकारी महापौर के विरोधी माने जाते हैं। इस दौरान एक मात्र अपर नगर आयुक्त ललित कुमार बिना बताए सभा से निकल गए। बैठक में सिर्फ कुछ ही अधिकारी मौजूद रहे।

इसके बाद मीडिया से बातचीत में महापौर ने कहा कि अधिकारी जनता की समस्याओं से भाग रहे हैं। दो साल से समाधान दिवस हो रहा है, फिर भी समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं  हैं। उन्होंने कहा कि अनुपस्थित अधिकारियों से जवाब मांगा जाएगा और नगर आयुक्त से भी इस लापरवाही पर स्पष्टीकरण लिया जाएगा।


कुल मिलाकर लखनऊ नगर निगम लगातार सवालों के घेरे में हैं कभी यहाँ के अजीब मामले जिनमे बनी बनाई सड़क दोबारा बनाये जाने के मामले भी सामने आते हैं तो कभी करोड़ों की मिटटी लापता हो जाती है कभी करोड़ों के पैच वर्क पर सवाल उठते हैं तो कभी नगर आयुक्त और महापौर के बीच आपसी खींचतान सार्वजनिक हो जाती है। विवाद के स्तर का आलम ये है कि इस मामले या विवाद को सुलझाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के वित्त मंत्री और लखनऊ के प्रभारी मंत्री सुरेश खन्ना को मध्यस्थता करनी पड़ी है और जैसे ही मामले सुलझाने की कवायद शुरू की गयी उसी समय राजधानी लखनऊ के वीकेटी विधानसभा विधायक योगेश शुक्ला ने लखनऊ की महापौर सुषमा खर्कवाल पर अपनी उपेक्षा के आरोप लगा दिए।


कुल मिलाकर इन सभी घटनाओं के सीधा सार ये है कि महापौर सुषमा खर्कवाल का लखनऊ नगर निगम के उच्च अधिकारियों से सामंजस्य नहीं बैठ पा रहा   है। पर इस खींचतान या विवाद की बजह क्या गैर जिम्मेदारी है या भ्रष्टाचार, ईमानदारी है या  आक्रामकता, गुरूर है या अपमान, मनमानी है या स्वार्थ,  सच्ची समाजसेवा है या अपना अपना लाभ वो तो महापौर जानती होंगी या उच्च अधिकारी पर इस शीतयुद्ध के कारण आम जनता परेशान हो रही है समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं पर कोई सुनने वाला और कोई समाधान करने वाला कोई नहीं है।  

फ़िलहाल अब तो उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से ही उम्मीद है कि वो इस मामले पटाक्षेप करके आम जनता को समस्याओं से निजात दिलाएं। 

 

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