चुनावी शोर में प्रशासन का मौन: एक बड़ा सवाल

कांकेर - भानुप्रतापपुर नगर पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों द्वारा मतदाताओं को रिझाने के लिए अपनाए जा रहे हथकंडे वास्तव में चिंता का विषय हैं। मांस, शराब और अन्य सामग्री का वितरण चुनावी प्रक्रिया को प्रभावित करने का प्रयास कर रहा है। यह न केवल चुनाव की निष्पक्षता पर प्रश्न उठाता है, बल्कि लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों को भी कमजोर करता है। चुनाव आयोग के लिए यह एक बड़ी चुनौती है कि वह ऐसे व्यवहारों पर नियंत्रण कैसे करे। इसके लिए आयोग को सख्त नियम और निगरानी तंत्र स्थापित करना होगा। चुनावी प्रचार के दौरान पारदर्शिता और नैतिकता को सुनिश्चित करने के लिए सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है। इसके अलावा, मतदाताओं को जागरूक करना भी महत्वपूर्ण है ताकि वे इस तरह के प्रलोभनों से प्रभावित न हों और अपने मत का सही उपयोग कर सकें।
रिपोर्टर - दिनेश नथानी
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