कराची बेकरी पर छिड़ा विवाद: मालिक बोले – “हम पाकिस्तानी नहीं, भारतीय ब्रांड हैं”

भारत-पाक तनाव के बीच कराची बेकरी को विरोध का सामना

Pahalgam आतंकी हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब देश के भीतर भी देखने को मिल रहा है। हैदराबाद स्थित ‘कराची बेकरी’ एक बार फिर विवादों में घिर गई है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे एक वीडियो में कुछ एक्टिविस्ट ग्रुप को बेकरी की एक शाखा पर पहुंचकर इसका नाम बदलने की मांग करते हुए देखा गया। उनका कहना था कि किसी भारतीय दुकान का नाम पाकिस्तान के शहर के नाम पर नहीं होना चाहिए।

बेकरी मालिक का स्पष्टीकरण: “हमारा कोई पाकिस्तानी संबंध नहीं”

विवाद के बाद कराची बेकरी के मालिक राजेश और हरीश रामनानी ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि यह बेकरी उनके दादाजी खानचंद रामनानी ने 1953 में स्थापित की थी। विभाजन के बाद वे कराची से भारत आए थे, और अपने पुराने शहर की याद में इस बेकरी का नाम ‘कराची बेकरी’ रखा था। उन्होंने स्पष्ट किया कि “हम भारतीय हैं, और हमारी बेकरी का पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है।”

प्रशासन से समर्थन की अपील

बेकरी मालिकों ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी और स्थानीय प्रशासन से अनुरोध किया कि वे नाम बदलने की किसी भी मांग का समर्थन न करें और उन्हें सहयोग दें। उन्होंने यह भी बताया कि बेकरी की सभी शाखाओं पर तिरंगा लगाया गया है और यह पूरी तरह एक भारतीय ब्रांड है।

लोगों का मिला समर्थन

सोशल मीडिया पर कराची बेकरी को आम लोगों और कई सामाजिक वर्गों का समर्थन मिला है। कई यूजर्स ने कहा कि यह सिंधी परिवार द्वारा शुरू किया गया व्यवसाय है, जो विभाजन के समय भारत आए थे। एक यूजर ने लिखा, “कराची बेकरी का नाम सिर्फ ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से जुड़ा है, इसे लेकर हमला करना गलत है।”

पहले भी हो चुका है विरोध

यह पहली बार नहीं है जब कराची बेकरी को ऐसे विवादों का सामना करना पड़ा हो। 2019 में बेंगलुरु की इंदिरा नगर शाखा में भी बेकरी के नाम को लेकर विरोध किया गया था।

 

 

 

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