जहां झुग्गी, वहां मकान नहीं...अब मैदान, केजरीवाल का BJP पर वार

नई दिल्ली, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक बार फिर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर निशाना साधते हुए दावा किया कि भाजपा ने झुग्गी बस्तियों को लेकर जो वादे किए थे, वे महज जुमले साबित हुए। उन्होंने कहा कि "जहां झुग्गी, वहां मकान" के बजाय अब "जहां झुग्गी, वहां मैदान" की स्थिति पैदा कर दी गई है।
केजरीवाल का यह बयान राजधानी दिल्ली में चल रहे पुनर्विकास कार्यों और झुग्गी बस्तियों में चल रहे तोड़फोड़ अभियान को लेकर आया है। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी शासित केंद्र सरकार और उसके अधीन आने वाले निकाय गरीबों के सिर से छत छीनने पर आमादा हैं।
केजरीवाल का आरोप: मकान देने के नाम पर उजाड़ रही है BJP
एक जनसभा को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा: "हमने 'जहां झुग्गी, वहां मकान' का वादा किया था और उसे निभाया भी। लेकिन अब बीजेपी ने इसका मतलब ही बदल दिया है। अब वे झुग्गियों को हटाकर मैदान बना रहे हैं, गरीबों को बेघर कर रहे हैं।" उन्होंने दावा किया कि उनकी सरकार ने हजारों झुग्गीवासियों को स्थायी मकान देकर पुनर्वास किया है, जबकि भाजपा सिर्फ झूठे वादे करती रही है।
दरअसल, दिल्ली में कई स्थानों पर सरकारी एजेंसियों द्वारा झुग्गी बस्तियों को हटाने का अभियान चलाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि उन्हें बिना वैकल्पिक आवास दिए उनके घरों को तोड़ा जा रहा है। इसी पृष्ठभूमि में केजरीवाल ने बीजेपी पर यह हमला बोला। उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी गरीबों की पार्टी है और जब तक वे सत्ता में हैं, किसी भी गरीब को बेघर नहीं होने दिया जाएगा।
BJP की प्रतिक्रिया
भाजपा ने केजरीवाल के बयान को 'दोषारोपण की राजनीति' बताया है। पार्टी के प्रवक्ताओं का कहना है कि दिल्ली सरकार स्वयं कई बार इन इलाकों में विकास कार्यों में बाधा बनती रही है और अब जनता का ध्यान भटकाने के लिए इस तरह के बयान दिए जा रहे हैं।
राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोपों के बीच सबसे बड़ी मार झुग्गी में रहने वाले लोगों पर पड़ रही है। स्कूल जाने वाले बच्चों, मजदूरी करने वालों, और बुजुर्गों के लिए यह विस्थापन जीवन संकट का रूप ले रहा है। वे न तो स्थायी घर पा सके हैं और न ही उन्हें कोई वैकल्पिक व्यवस्था दी गई है।
केजरीवाल का यह बयान राजनीतिक माहौल में एक नई बहस को जन्म दे रहा है—कि क्या सरकारें झुग्गीवासियों को मकान देने के वादे को निभा रही हैं या उन्हें विकास के नाम पर विस्थापित कर रही हैं? "जहां झुग्गी, वहां मकान" अब सिर्फ नारा बनकर रह गया है या फिर इसका वास्तविक अर्थ बदल दिया गया है—यह सवाल आज हर झुग्गी में रहने वाले के मन में गूंज रहा है।
No Previous Comments found.